हरित क्रांति
हरित क्रांति भारत में एक
महत्वपूर्ण आंदोलन है जो देश के किसानों और कृषि उत्पादकों के लिए जीवनीं बदलाव
लाया है। यह आंदोलन 1960 के दशक में शुरू हुआ जब देश में खाद, बीज और तकनीकी
उपयोग को बढ़ावा दिया गया था। इसके साथ ही नए जैव उत्पादों का विकास भी शुरू हुआ
जो की कृषि उत्पादों के लिए नए अवसरों का निर्माण करने में मददगार साबित हुए।
हरित क्रांति का उद्देश्य
हरित क्रांति का मुख्य उद्देश्य था
कि देश के किसानों को नए तकनीकी उपकरणों का प्रयोग करके उनकी खेती को मौजूदा तकनीक
से अधिक उत्पादक बनाया जाए।
इस उद्देश्य को प्राप्त करने के
लिए, एक समूह
विशेषज्ञों और अन्य संगठनों ने एक स्वतंत्र कृषि संस्थान की स्थापना की जिसे
"Indian
Agricultural Research Institute (IARI)" के नाम से जाना
जाता है।
IARI
का मुख्य उद्देश्य भारत में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीकों के
विकास और तथ्यों के आधार पर कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान करना है। IARI ने नए जैव
उत्पादों जैसे कीटनाशकों,
खादों, उच्च
उत्पादक बीजों और अन्य उत्पादों के विकास के लिए भी काम किया है।
IARI
के अलावा भारत सरकार ने भी अन्य कृषि संस्थानों को शुरू किया, जो खेती के
क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास के लिए लगातार अनुसंधान करते रहे। इनमें से कुछ
नाम हैं:
➤ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद Indian Council of Agricultural
Research (ICAR)
➤ राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास
बैंक National Bank for
Agriculture and Rural Development (NABARD)
➤ कृषि उपज मंडी समिति Agricultural
Produce Market Committee (APMC)
➤ नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव
मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड National Agricultural Cooperative
Marketing Federation of India Ltd (NAFED)
➤ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड National
Dairy Development Board (NDDB)
➤ राष्ट्रीय बीज निगम National
Seeds Corporation (NSC)
➤ कृषि विज्ञान केन्द्र Krishi Vigyan Kendra (KVK)
हरित क्रांति की मुख्य उपलब्धियां
हरित क्रांति की मुख्य उपलब्धियां
निम्नलिखित हैं:
◼ फसलों की उत्पादकता में वृद्धि
◼ अधिक उत्पादकता वाली फसलों की खेती
करने से मुनाफे में वृद्धि
◼ बीमारियों और कीटों से निपटने के
लिए कीटनाशकों का उपयोग करने की अनुमति
◼ उच्च उत्पादकता वाले फसलों की खेती
करके अन्य देशों के लिए भी खाद्य निर्यात में बढ़ोतरी
हरित क्रांति से खेती के विभिन्न तंत्रों में सुधार
हरित क्रांति के दौरान भारत में
विभिन्न खेती के तंत्रों में सुधार किए गए थे। कुछ मुख्य तंत्र निम्नलिखित थे:
बीज उत्पादन तंत्र: हरित
क्रांति के दौरान बीज उत्पादन तंत्र में बदलाव हुआ। उन्नत जैविक तत्वों के उपयोग
से बीज की उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
खेती तंत्र: हरित
क्रांति के दौरान, उन्नत
खेती तंत्र के विकास के लिए प्रयास किए गए। खेती में मशीनों का उपयोग, उन्नत खाद
तंत्र, बीजों
की उत्पादन तकनीक, एवं
पानी के उपयोग के तरीकों में सुधार हुआ।
उत्पादकता तंत्र: हरित
क्रांति के दौरान उत्पादकता तंत्र में भी सुधार किया गया था। उन्नत तकनीकों के
उपयोग से उत्पादकता में वृद्धि हुई और उत्पादकता बढ़ाई गई।
वित्त तंत्र: हरित क्रांति के दौरान वित्त तंत्र में भी बदलाव हुआ। उन्नत तकनीकों और खेती के तंत्रों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
भारत में हरित क्रांति से संबन्धित प्रश्नोत्तर
प्रश्न- हरित क्रांति
के बाद भारत में कौन सी फसलों का उत्पादन बढ़ा?
उत्तर: हरित क्रांति
के बाद भारत में अनाज जैसी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई। उदाहरण के लिए, चावल, गेहूं, मक्का, जौ और धान का
उत्पादन बढ़ा।
प्रश्न- हरित क्रांति
के बाद भारत में फसलों की उत्पादकता में कितनी वृद्धि हुई?
उत्तर: हरित क्रांति के बाद, भारत में फसलों की उत्पादकता में करीब 3-4 गुणा वृद्धि हुई।
प्रश्न- हरित क्रांति
के माध्यम से किस तरह से खेती में सुधार हुआ?
उत्तर: हरित क्रांति
के माध्यम से खेती में कई सुधार हुए,
जैसे कि:
(i) बीज के उत्पादन
में सुधार
(ii) उन्नत खेती के
तकनीकों का उपयोग
(iii) उच्च उत्पादकता
वाली फसलों के उत्पादन में वृद्धि
(iv) उन्नत खेती
उपकरणों का उपयोग
(v) उपयुक्त खाद और दवाओं का उपयोग
प्रश्न- हरित क्रांति
क्या है?
उत्तर: हरित क्रांति
एक आंदोलन है जिसका मुख्य उद्देश्य है भारत की गंभीर खादी क्रियाओं द्वारा खेती को
सुधारना और लोगों को पर्यावरण संरक्षण और संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूक
करना।
प्रश्न- हरित क्रांति
का समर्थन किसने किया था?
उत्तर: हरित क्रांति
का समर्थन मौलाना अबुल कलाम आजाद,
चरण सिंह, जवाहरलाल
नेहरू जैसे भारतीय नेताओं ने किया था।
प्रश्न- हरित क्रांति शब्द किसने दिया?
उत्तर: हरित क्रांति शब्द का प्रयोग 1968ई.में पूर्व संयुक्त राज्य अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) के निदेशक विलियम गौड द्वारा किया गया था।
प्रश्न- हरित क्रांति
किस वर्ष में शुरू हुई?
उत्तर: हरित क्रांति
1960 वर्ष में शुरू हुई।
प्रश्न- भारत में हरित क्रांति के जनक कौन हैं?
उत्तर: भारत के हरित क्रांति के जनक एम॰ के॰ स्वामीनाथन हैं।
प्रश्न- हरित क्रांति
किस वर्ष में समाप्त हुई?
उत्तर: हरित क्रांति
का कार्यकाल 1960 से 1970 तक था।
प्रश्न- हरित क्रांति
का पहला केंद्र कहाँ था?
उत्तर: हरित क्रांति
का पहला केंद्र पंजाब के करनाल जिले में था।
प्रश्न- हरित क्रांति
के समय भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा खाद्यान्न उत्पादित होता था?
उत्तर: हरित क्रांति
के समय में, उत्तर
प्रदेश भारत का सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक राज्य था।
प्रश्न- हरित क्रांति
की शुरुआत किस फसल से हुई?
उत्तर: हरित क्रांति
की शुरुआत चावल के साथ हुई।
प्रश्न- हरित क्रांति
से सम्बंधित सबसे पहला पायलट प्रोजेक्ट किस राज्य में शुरू किया गया था?
उत्तर: हरित क्रांति
से सम्बंधित सबसे पहला पायलट प्रोजेक्ट अंध्र प्रदेश के कडपा जिले में शुरू किया
गया था।
प्रश्न- हरित क्रांति
के लिए कौन से नए जैविक उत्पादन तंत्र विकसित किए गए थे?
उत्तर: हरित क्रांति
के लिए नए जैविक उत्पादन तंत्र जैसे कि खाद,
बीज और खेती से संबंधित तकनीकों का विकास किया गया था।
प्रश्न- हरित क्रांति
के दौरान भारत में कौन सा ब्रांड सबसे अधिक प्रचलित था?
उत्तर: हरित क्रांति
के दौरान, "ट्रैक्टर"
नामक ब्रांड सबसे अधिक प्रचलित था।
प्रश्न- हरित क्रांति
के दौरान किस फसल के उत्पादन में वृद्धि हुई?
उत्तर: हरित क्रांति
के दौरान चावल और गेहूं के उत्पादन में वृद्धि हुई।
प्रश्न- हरित क्रांति
के दौरान भारत के आधुनिक ट्रैक्टर निर्माता कौन थे?
उत्तर: हरित क्रांति
के दौरान भारत के आधुनिक ट्रैक्टर निर्माता तथा बीज व खाद के उत्पादन से संबंधित
तकनीकों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) थी।
प्रश्न- हरित क्रांति
के दौरान भारत में पानी की कमी के कारण खाद्यान्न उत्पादन में किस तरह की समस्याएं
थीं?
उत्तर: हरित क्रांति
के दौरान भारत में पानी की कमी के कारण खाद्यान्न उत्पादन में समस्याएं थीं, जो सबसे अधिक
उत्तर प्रदेश, बिहार
और वेस्ट बंगाल जैसे राज्यों में देखी जा सकती थीं।
प्रश्न- हरित क्रांति
के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व क्या है?
उत्तर: हरित क्रांति
के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व उच्च उत्पादकता वाली फसलों का उत्पादन करने वाली
तकनीक और खेती के लिए उपयोगी दवाओं और खाद का उपयोग करना है।
प्रश्न- हरित क्रांति
के बाद भारत में कौन सा अन्न फसल मुख्य रूप से उगाया जाने लगा?
उत्तर: हरित क्रांति
के बाद चावल मुख्य रूप से उगाया जाने लगा।
प्रश्न- हरित क्रांति
के माध्यम से कौन सा तंत्र प्रभावित हुआ?
उत्तर: हरित क्रांति
के माध्यम से कृषि तंत्र प्रभावित हुआ।
प्रश्न- हरित क्रांति
का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: हरित क्रांति का मुख्य उद्देश्य था खाद्यान्न सुरक्षा बढ़ाना और कृषि उत्पादन बढ़ाना।
कृषि उपज (Agricultural Produce)
उर्वरक (Fertilizers)
बीज (Seeds)
किसान (Farmer)
खेती (Farming)
अन्नदाता (Food Provider)
जलवायु परिवर्तन (Climate Change)
अर्थव्यवस्था (Economy)
संगठित कृषि (Organized Farming)