मुगल साम्राज्य के शासक, मुगल काल Rulers of the Mughal Empire, Mughal Period

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मुगल कौन थे?

मुग़ल तैमूर के वंशज होने पर गर्व क्यों करते हैं? 

मुग़ल दो महान शासक वंशों के वंशज थे। माता की ओर से वे मंगोल शासक चंगेज़ खान जो चीन और मध्य एशिया के कुछ भागों पर राज करता था, उनके उत्तराधिकारी थे। पिता की ओर से वे ईरान, इराक एवं वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर (जिसकी मृत्यु 1404 में हुई) के वंशज थे। परंतु मुग़ल अपने को मुग़ल या मंगोल कहलवाना पसंद नहीं करते थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि चंगेज़ ख़ान से जुड़ी स्मृतियाँ सैंकड़ों व्यक्तियों के नरसंहार से संबंधित थीं। यही स्मृतियाँ मुग़लों के प्रतियोगियों उज़बेगों से भी संबंधित थीं। दूसरी तरफ़, मुग़ल, तैमूर के वंशज होने पर गर्व का अनुभव करते थे, क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया था।

मुगल साम्राज्य की स्थापना

प्रथम मुग़ल शासक बाबर (1526-1530) ने जब 1494 में फरघाना राज्य का उत्तराधिकार प्राप्त किया, तो उसकी उम्र केवल बारह वर्ष की थी। मंगोलों की दूसरी शाखा, उज़बेगों के आक्रमण के कारण उसे अपनी पैतृक गद्दी छोड़नी पड़ी। अनेक वर्षों तक भटकने के बाद उसने 1504 में काबुल पर कब्जा कर लिया। बाबर ने 1526 में दिल्ली के सुलतान इब्राहिम लोदी को पानीपत में हराया और दिल्ली और आगरा को अपने कब्जे में कर लिया। और यहीं से भारत में मुगल काल का आरम्भ हुआ। 

मुगल शासक 

बाबर 1526-1530

👉बाबर ने 1526 में पानीपत के मैदान में इब्राहिम लोदी एवं उसके अफ़गान समर्थकों को हराया। 

👉1527 में खानुवा में राणा सांगा, राजपूत राजाओं और उनके समर्थकों को हराया। 

👉1528 में चंदेरी में राजपूतों को हराया। अपनी मृत्यु से पहले दिल्ली और आगरा में मुग़ल नियंत्रण स्थापित किया।

👉बाबर फरगना के शासक उमर शेख मिर्जा का बेटा था।

👉पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुलगमा पद्धति तथा तोपखाने का प्रयोग किया था।

👉बाबर ने अपनी आत्मकथा 'बाबरनामा' की रचना तुर्की भाषा में की। जिसका अनुवाद बाद में फारसी भाषा में अब्दुल रहीम खानखाना ने किया।

👉प्रारम्भ में बाबर के शव को आगरा के आरामबाग में दफनाया गया, बाद में काबुल में दफनाया गया।

हुमायूँ 1530-1556

👉हुमायूँ ने अपने पिता की वसीयत के अनुसार जायदाद का बँटवारा किया। प्रत्येक भाई को एक एक प्रांत मिला।

👉उसके भाई मिर्जा कामरान की महत्त्वाकाँक्षाओं के कारण हुमायूँ अपने अफ़ग़ान प्रतिद्वंद्वियों के सामने फीका पड़ गया।

👉1533 ई. में उसने दीनपनाह नामक नगर की स्थापना की।

👉जून 1539 ई. में हुमायूँ तथा शेर खाँ के बीच चौसा का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायू पराजित हुआ।

👉1540 ई. में हुमायूँ तथा शेर खाँ. के बीच कन्नौज या बिलग्राम का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायूँ पुनः पराजित हुआ तथा उसे भारत छोड़कर भागना पड़ा।

👉हुमायूँ के निर्वासन काल में ही 1542 ई. में अमरकोट के हिन्द शासक वीरसाल के महल में अकबर का जन्म हआ।

👉1555 ई. में 'मच्छीवाड़ा एवं सरहिन्द के युद्ध में हुमायूँ ने अपना खोया साम्राज्य वापस प्रापत कर लिया। 1556 ई. में दीनपनाह भवन में स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई। 

शेरशाह सूरी 1540-1545.

👉शेरशाह का असली नाम फरीद खाँ था।

👉उसके पिता हसन खाँ सासाराम के जमींदार थे।

👉1540 ई. में कन्नौज के युद्ध में विजयी होने के बाद उसने शेरशाह की उपाधि धारण की।

👉उसने पुराने सिक्कों की जगह शुद्ध सोने-चाँदी के सिक्के जारी किये।

👉उसने 'जब्ती' प्रणाली लागू की, जिसके अन्तर्गत लगान का निर्धारण भूमि की माप के आधार पर किया जाता था।

👉शेरशाह ने रुपया का प्रचलन शुरू किया, जो 178 ग्रेन (करीबन 11.534 ग्राम)  चाँदी का होता था। उसने दिल्ली में पुराने किले का निर्माण करवाया। उसके अन्दर किला-ए-कुहना मस्जिद का निर्माण करवाया।

👉उसके शासनकाल में मलिक मुहम्मद जायसी ने 'पद्मावत' की रचना की।

👉शेरशाह का मकबरा सासाराम में स्थित है।

👉कालिंजर विजय अभियान के दौरान शेरशाह की तोप फटने से मृत्यु हो गई।

👉शेरशाह ने सड़क-ए-आजम' (ग्राण्ड-ट्रंक रोड) का निर्माण करवाया, जो सोनारगाँव से पेशावर तक जाती थी।(सोनारगाँव से पेशावर की दूरी 2,180 किमी सड़क सिर्फ अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में उस कालावधि में बनाना संभव नहीं था इसलिये यह एक झूठ है)

अकबर 1556-1605

👉अकबर का राज्याभिषेक 14 वर्ष की आयु में पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ था।

👉बैरम खाँ अकबर का संरक्षक था।

👉पानीपत का द्वितीय युद्ध नवम्बर, 1556 ई. में हुआ, जिसमें बैरम खाँ के नेतृतव वाली मुगल सेना ने हेमू के नेतृत्व वाली अफगान सेना को पराजित किया।

👉अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ई. में 'दहसाला बन्दोबस्त लागू किया।

👉दीन-ए-इलाही स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अन्तिम हिन्दू राजा बीरबल था।

👉बीरबल का नाम महेश दास था।

👉अबुल फजल ने 'आईन-ए-अकबरी' तथा 'अकबरनामा' नामक ग्रन्थ की रचना की।

👉अकबर के दरबार में 'नवरत्न थे जिनमें तानसेन, बीरबल, टोडरमल आदि प्रमुख थे।

👉'मनसबदारी प्रथा एक विशिष्ट सैन्य एवं प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसे भारत में अकबर ने प्रारमभ किया था।

👉अकबर के दरबार में अब्दुस्समद, दसवन्त एवं बसावन प्रमुख चित्रकार थे।

👉अकबर द्वारा उठाये गये धार्मिक/सामाजिक सुधार- 1562- दास प्रथा का अंत, 1563- तीर्थयात्रा कर समाप्त, 1564- जजिया कर समाप्त, 1582- तौहीद-ए-इलाही या दीन-ए-इलाही की घोषणा 1583- कुछ निश्चित दिनों को कई जानवरों की हत्या का निषेध ।

👉उसके शासनकाल को तीन अवधियों में विभाजित किया जा सकता है।

👉 (1) 1556 और 1570 के मध्य अकबर अपने संरक्षक बैरम खान और अपने घरेलू कर्मचारियों से स्वतंत्र हो गया। उसने सूरी और अन्य अफ़गानोंनिकटवर्ती राज्यों मालवा और गोंडवाना तथा अपने सौतेले भाई मिर्जा हाक्किम और उज़बेगों के विद्रोहों को दबाने के लिए सैन्य अभियान चलाए। 1568 में सिसौदियों की राजधानी चित्तौड़ और 1569 में रणथम्भौर पर कब्जा कर लिया गया। 

👉 (2) 1570 और 1585 के मध्य गुजरात के विरुद्ध सैनिक अभियान हुए। इन . अभियानों के पश्चात् उसने पूर्व में बिहारबंगाल और उडीसा में अभियान चलाएजिन्हें 1579-80 में मिर्जा हाक़िम के पक्ष में हुए विद्रोह ने और जटिल कर दिया। 

👉 (3) 1585-1605 के मध्य अकबर के साम्राज्य का विस्तार हुआ। उत्तर-पश्चिम में अभियान चलाए गए। सफ़ाविदों को हराकर कांधार पर कब्जा किया गया और कश्मीर को भी जोड़ लिया गया। मिर्जा हाकिम की मृत्यु के पश्चात् काबुल को भी उसने अपने राज्य में मिला लिया। दक्कन में अभियानों की शुरुआत हुई और बरारखानदेश और अहमदनगर के कुछ हिस्सों को भी उसने अपने राज्य में मिला लिया।

👉अकबर के शासनकाल के दौरान 1576 ई. में मेवाड़ के महान शासक महाराणा प्रताप तथा मुगल सेना के बीच 'हल्दीघाटी का युद्ध हुआजिसमें मानसिंह के नेतृत्व में मुगल सेना विजयी हुयी या महारणा प्रताप की विजय हुयी यह संदेहास्पद है।

👉अपने शासन के अंतिम वर्षों में अकबर की सत्ता राजकुमार सलीम के विद्रोहों के कारण लड़खड़ायी। यही सलीम आगे चलकर सम्राट जहाँगीर कहलाया।

जहाँगीर 1605-1627

👉जहाँगीर ने अकबर के सैन्य अभियानों को आगे बढ़ाया।

👉मेवाड़ के सिसोदिया - शासक अमर सिंह ने मुग़लों की सेवा स्वीकार की। इसके बाद सिक्खों, अहोमों

👉और अहमदनगर के खिलाफ अभियान चलाए गए, जो पूर्णतः सफल नहीं हुए।

👉जहाँगीर के शासन के अंतिम वर्षों में राजकुमार खुर्रम, जो बाद में सम्राट शाहजहाँ कहलाया, ने विद्रोह किया।

👉जहाँगीर ने मेहरुन्निसा को शादी के बाद 'नूरमहल' एवं 'नूरजहाँ' की उपाधि दी।

👉नूरजहाँ ईरान निवासी ग्यासबेग की पुत्री एवं अली कुली बेग (शेर अफगन) की विधवा थी।

👉जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ ने शाहजहाँ को हाशिए पर धकेलने के प्रयास किए, जो असफल रहे।

👉जहाँगीर के बचपन का नाम सलीम था। यह नाम अकबर ने सूफी सन्त शेख सलीम चिश्ती के नाम पर रखा था।

👉जहाँगीर को न्याय की जंजीर के लिए याद किया जाता है जो उसने आगरा के किले में लगवाई थी। 

👉अपने विद्रोही पुत्र खुसरो का साथ देने के आरोप में उसने सिखों के पाँचवें गुरु अर्जुन देव को फाँसी दे दी थी।

👉जहाँगीर के शासनकाल में ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारत में अपनी पहली फैक्ट्री मसूलीपट्टम में स्थापित की।

👉जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा 'तुजुके-जहाँगीरी' की रचना फारसी भाषा में की।

👉जहाँगीर के समय मुगल चित्रकला चरमोत्कर्ष पर थी। जहाँगीर के दरबार में आगा रजा, अबुल हसन, उस्ताद मंसूर, विशनदास, मनोहर आदिप्रमुख चित्रकार थे।

👉जहाँगीर की मृत्यु भीमवार नामक स्थान पर हुई। उसे शहादरा (लाहौर) में रावी नदी के किनारे दफनाया गया। 

शाहजहाँ 1627-1658

👉शाहजहाँ के शासनकाल को "स्थापत्य कला का स्वर्ण युग' कहा जाता है।

👉उसने पुर्तगालियों के बढ़ते प्रभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से 1632 ई. में पुर्तगालियों से युद्ध किया एवं हुगली पर अधिकार कर लिया।

👉उसने दिल्ली में एक महाविद्यालय का निर्माण एवं दारुल बका नामक महाविद्यालय की मरम्मत करवाई।

👉उसने दिल्ली में 'शाहजहाँनाबाद' नामक नया नगर बसाया तथा यहाँ नई राजधानी स्थापित की।

👉मयूर सिंहासन का निर्माण शाहजहाँ ने ही करवाया था।

👉अपनी बेगम मुमताजमहल की याद में शाहजहाँ ने आगरा में ताजमहल का निर्माण करवाया।

👉शाहजहाँ द्वारा बनवाई गई प्रमुख इमारत दिल्ली का लाल किला, दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद आदि।

👉उत्तराधिकार के युद्ध में औरंगजेब ने शाहजहाँ को बन्दी बना कर आगरा के किले में डाल दिया जहाँ, 1666 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

औरंगज़ेब 1658-1707

👉औरंगजेब को शासक बनने के लिए अपने भाइयों से युद्ध करना पड़ा 1657-58 में उत्तराधिकार को लेकर झगड़ा शुरू हो गया। ।

👉दारा एवं औरंगजेब के बीच उत्तराधिकार का अन्तिम युद्ध देवराई की घाटी में 1659 ई. में हुआ। युद्ध में औरंगजेब विजयी रहा।

👉इसमें औरंगजेब की विजय हुई और दारा शिकोह समेत उसके तीनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया गया।

👉1659 ई. में दिल्ली में शाहजहाँ के लाल किले में औरंगजेब का राज्याभिषेक हुआ।

👉औरंगजेब के समय मुगल साम्राज्य का सर्वाधिक विस्तार हुआ था।

👉उसके शासन काल में हिन्दू मनसबदारों की संख्या भी सबसे अधिक थी।

👉औरंगजेब ने 1663 में सती प्रथा पर प्रतिबन्ध लगाया।

👉औरंगजेब ने 1669 में झरोखा दर्शन की प्रथा समाप्त की तथा अपने दरबार के संगीतकारों को बर्खास्त किया।

👉औरंगजेब के काल में संगीत पर सर्वाधिक पुस्तकें लिखी गयी।

👉उसने 1670 में बादशाह को सोने-चांदी में तौलने की प्रथा समाप्त की।

👉उसने 1675 में गुरू तेगबहादूर को फांसी की सजा दी।

👉औरंगजेब ने 1679 में जजिया कर पुनः लागू किया।

👉औरंगजेब को शाही दरवेश तथा जिंदा पीर के रूप में भी जाना जाता है। उसने आलमगीर की उपाधि ली।

👉उसने अपने सिक्कों पर कलमा (कुरान की आयतें) खुदवाना बन्द कर दिया। इसके पीछे उद्देश्य यह था कि सिक्के के गिरने व पैरों तले कुचले जाने से कुरान की अवमानना न हो।

👉उसने नौरोज (फारसी नव वर्ष) का मनाना बन्द कर दिया।

👉मारवाड़ के राठौड़ राजपूतों ने मुग़लों के खिलाफ़ विद्रोह किया।

👉मराठा सरदार, शिवाजी के विरुद्ध मुग़ल अभियान प्रारंभ में सफल रहे।

👉शिवाजी ने अपने को स्वतंत्र शासक घोषित करने के पश्चात् मुग़लों के विरुद्ध पुनः अभियान चलाए।

👉औरंगज़ेब को उत्तर भारत में सिक्खों, जाटों और सतनामियों, उत्तर-पूर्व में अहोमों और दक्कन में मराठों के विद्रोहों का सामना करना पड़ा। उसकी मृत्यु के पश्चात् उत्तराधिकार के लिए युद्ध शुरू हो गया।

मुगल साम्राज्य का अन्तिम शासक

👉इस वंश का अन्तिम शासक बहादुर शाह 1857 ई० में दिल्ली के सिंहासन से हटाया गया था। 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश द्वारा अपदस्थ और बर्मा में निर्वासित किया गया। 

अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु

👉भारत के इतिहास में दूसरों की तुलना में मुग़ल काल ने भारतीय, ईरानी और मध्य एशिया के कलात्मक, बौद्धिक और साहित्यिक परंपरा का एक और अधिक उपयोगी का सम्मिश्रण देखा।

👉भारतीय उपमहाद्वीप की दोनों, हिन्दू और मुस्लिम परम्पराओं, संस्कृति और शैली पर भारी प्रभाव पड़ा था।

👉मुग़ल काल में कई उल्लेखनीय बदलाव लाए, जिसमें शामिल हैं:-

👉केंद्रीकृत सरकार जो कई छोटे राज्यों को एक साथ लाए।

👉पर्शियन कला और संस्कृति जो भारतीय कला और संस्कृति के साथ सम्मलित हुई।

👉अरब और तुर्क भूमि में नए व्यापार मार्गों को प्रारंभ किया। इस्लाम अपनी उच्चतम अवस्था में था

👉मुग़लई भोजन

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