मुहावरे
परिभाषा - मुहावरा वह वाक्य है
जो व्यक्त करने पर अपना एक अलग अर्थ या विशेष अर्थ प्रकट करता है इनका प्रयोग करने
से भाषा,आकर्षक, प्रभावपूर्ण तथा
रोचक बन जाती है। इसका उपयोग समान्यतः वर्तमान
स्थिति या परिवेश को एक उदाहरण के रूप में व्यक्त" किया जाता है। जैसे- भारत
पाकिस्तान युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को “ईंट का जवाब पत्थर से दिया” से यह
तात्पर्य है कि भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया अथवा हर प्रहार का दोगुनी
शक्ति से उत्तर दिया।
मुहावरों के महत्वपूर्ण उदाहरण-
- चिराग तले अंधेरा - पण्डित के घर में घोर मूर्खता का आचरण
- बिल्ली के गले में घंटी बाँधना - अपने को संकट में डालना
- अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग-सबका भिन्न-भिन्न मत
- आँख का अंधा नाम नयन सुख।-नाम बड़ा और गुण उसके विपरीत
- न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी - कार्य करने के लिए कोई असाधारण शर्त रख देना
- बहती गंगा में हाथ धोना - मौके का लाभ उठाना
- दूध का दूध पानी का पानी - ठीक-ठीक न्याय हो जान
- जले पर नमक छिड़कना - दुःखी व्यक्ति को और दुःखी करना
- हवा में महल बनाना - असम्भव कार्य करने की कोशिश करना
- कागजी घोड़े दौड़ाना - केवल लिखा पढ़ी करना, पर कुछ काम की बात न होना
- कलेजे पर साँप लोटना - डाह करना
- उड़ती चिड़िया पहचानना - मन की बात ताड़ लेना
- हथेली पर सरसों जमाना - असंभव कार्य शीघ्रताशीघ्र कर देना
- घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध - अपने लोगों में आदर नहीं मिलता है
- रस्सी जल गयी पर बल नहीं गया-सर्वनाश हो गया पर घमण्ड नहीं गया
- अधजल गगरी छलकत जाय - छोटे आदमी का बहुत दिखावा करना
- आगे कुआं पीछे खाई - दुविधा में पड़ना
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना - व्यर्थ दिमाग लगाना
- अंधे की लाठी होना - सहारा होना
- ऊँट के मुँह में जीरा - जरूरत से बहुत कम
- गड़े मुर्दे उखाड़ना - पुरानी बातों को क्रेदना
- होश उड़ाना - डर जाना
- गुस्सा पीकर रह जाना - बर्दास्त करना
- अंगूठा छाप होना - निरक्षर होना
- अंगार सिर पर धरना - कठिन परिश्रम करना
- अंगुली पकड़ कर पहुँचा पकड़ना - थोड़ा-सा सहारा पाकर विशेष प्राप्ति की चाह रखना
- अंगूठा दिखाना - ऐन-मौक़े पर धोखा देना
- अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धि भ्रष्ट होना
- अक्ल का दुश्मन होना - मूर्ख होना
- अन्धे को चिराग दिखाना - मूर्ख को उपदेश देना
- अन्धे के आगे रोना - असहाय व्यक्ति से सहायता माँगना
- अन्धों में काना राजा - मूर्खों के बीच सुयोग्य बनना
- अपना उल्लू सीधा करना - अपना स्वार्थ सिद्ध करना
- अपना-सा मुँह लेकर रह जाना - लज्जित होना
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना - स्वार्थी होना; अलग होना
- अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना - अपना अहित करना
- अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - अपनी प्रशंसा स्वयं करना
- आँख का काजल चुराना - गुप्त भावों को जान लेना
- आँख दिखाना - डाँटना, धमकाना
- आँख में धूल झोंकना - धोखा देना
- आँखें चार होना - प्रेम होना, एक दूसरे को देखना
- आँखें मिलाना - सामना करना
- आँखें नीची करना - प्रतिष्ठा नष्ट होना
- आँखों में ख़ून उतर आना - अत्यधिक क्रोध करना
- आँख का अन्धा गाँठ का पूरा - मूर्ख किन्तु धनी व्यक्ति
- आँखों का तारा - अत्यन्त प्यारा
- आँचल पसारना - याचना करना या माँगना
- आँसू पीकर रह जाना - चुपचाप दुःख सह लेना
- आकाश ( आसमान ) के तारे तोड़ना - असंभव को संभव करना
- आकाश-कुसुम होना - पहुँच से बाहर होना
- आकाश-पाताल एक करना - सार प्रयास कर डालना
- आकाश दूट पड़ना - अकस्मातू विपत्तियों का आना
- आग में घी डालना - उकसाना, बढ़ावा देना; क्रोध भड़काना
- आटा-दाल का भाव मालूम होना - कष्टों कअनुभव होना
- आठ-आठ आँसू रोना - पछताना
- आधा तीतर आधा बटेर - गड़बड़ का काम
- आपे से बाहर होना - अत्यन्त क्रुद्ध होना
- आबरू लूटना - इज्जत नष्ट करना
- आसमान में उड़ना - कल्पना में उड़ान भरना
- आसमान सिर पर उठाना - आवश्यकता से अधिक परिश्रम करना
- आस्तीन का साँप होना - विश्वासघाती होना
- ईंट का जवाब पत्थर से देना - मुंहतोड़ जवाब देना
- ईंट से ईंट बजाना - नष्ट- भ्रष्ट कर देना (तहस-नहस कर देना)
- दूज/ईद का चाँद होना - बहुत समय बाद दिखायी देना
- उलटी माला फेरना - अनिष्ट की कामना करना
- उलटी गंगा बहाना - असंभव कार्य करना
- उलटे उस्तरे (छुरे ) से मूड़ना - मूर्ख बनाकर स्वार्थ सिद्ध करना
- ऊँची दूकान फीका पकवान - आडम्बर-ही-आडम्बर
- न ऊधौ का लेना न माधौ का देना - किसी से किसी प्रकार का सम्बन्ध न रखना
- एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा - बुरे व्यक्ति का उससे भी बुरे व्यक्ति से सम्पर्क जुड़ना
- एक ही थैली के चट्टे-बट्टे - सबका एकसमान होना
- एक लाठी से सबको हाँकना - सभी के साथ समान व्यवहार करना
- एड़ी चोटी का पसीना एक करना - अत्यधिक परिश्रम करना
- ओखली में सिर देना - जानबूझ कर संकट मोल लेना
- ओछे के प्रीत बालू की भीत-दुष्ट व्यक्तियों की मित्रता क्षणिक होती है
- औंधे मुँह गिरना - पराजित होना
- कंगाली में आटा गीला - मुसीबत में और मुसीबत पड़ना
- कमर कसना - तत्पर रहना, तैयार रहना
- कलई खोलना - भेद प्रकट करना
- कलेजा थामकर रह जाना - कठिनता से धैर्य धारण करना
- कलेजे पर पत्थर रखना - असह्य दुःख बर्दाश्त करना
- काजल की कोठरी - कलंकित होने का स्थान
- काठ का उल्लू - बहुत बड़ा मूर्ख
- कान पर जूँ तक न रेंगना - बिलकुल ध्यान न देना
- कानों-कान ख़बर न होना - गुप्त रहना
- काबुल में भी गथे होते हैं - अच्छे-बुरे लोग सभी जगह मिलते हैं।
- काला अक्षर भैंस बराबर - निरक्षर
- किताबी कीड़ा होना - बहुत पढ़ना
- किराये का टटटू होना - बेगारी करना, पैसे की लालच से साथ देना
- क़िस्मत खुलना - सफलता मिलना
- कीचड़ उछालना - बदनाम करना
- कुआँ खोदते फिरना - मरने का प्रयास करना
- कुत्ते की मौत मरना - बुरी तरह मरना
- कूप-मण्डूक होना - सीमित ज्ञान होना
- कोल्हू का बैल होना - रात-दिन परिश्रम करना
- कौड़ी के मोल बिकना - बेकार (सस्ते में नीलाम होना)
- खग जाने खग ही की भाषा - एक साथ रहनेवाले एक-दूसरे का भाव समझते हैं।
- ख़याली पुलाव पकाना - मनमानी कल्पनाएँ
- खाक में मिलना - नष्ट हो जाना
- खिल्लियाँ उड़ाना - मज़ाक़ या व्यंग्य करना
- खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे - सबल पर वश न चलने पर निर्बल पर क्रोध प्रदर्शित करना
- खून-पसीना एक करना - अत्यन्त कठोर परिश्रम करना
- गड़े मुर्दे उखाड़ना - पुरानी बातों पर प्रकाश डालना
- गज़भर की छाती होना - अत्यधिक गर्व का अनुभव करना
- गरजने वाले बरसते नहीं - कहने वाले करके नहीं दिखाते
- गरदन पर सवार होना - पीछा न छोड़ना
- गले पर छुरी फेरना - अहित करना
- गागर में सागर भरना - थोडे में ही बहुत कहना
- गाल बजाना - व्यर्थ की बातें करना
- गिरगिट-सा रंग बदलना - अवसरवादी होना
- गुड़ खाय गुलगुलों से परहेज - झूठा ढोंग रचना
- गुड़-गोबर होना - काम बिगड़ जाना
- गूलर का फूल होना - कभी दिखायी न पड़ना
- घड़ों पानी पड़ना - अत्यन्त लज्जित होना
- घर का भेदी लंका ढहावै - घर का शत्रु भयंकर होता है
- घर का न घाट का - कहीं का न रहना
- घर की मुर्गी दाल बराबर - अपने साधनों का कोई मूल्य न होना
- घर में भूँजी भाँग न होना - ग़रीब होना
- घाट-घाट का पानी पीना - हर तरह का अनुभव प्राप्त करना
- जले घाव पर नमक छिड़कना - सताये को और सताना
- घी के दीये जलाना - समृद्ध होना; अत्यन्त प्रसन्न होना
- घोंट कर पी जाना - रट लेना
- घोड़े बेचकर सोना - निश्चिन्त होना
- चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय - अत्यधिक कंजूस होना
- चाँदी का जूता मारना - रिश्वत देना
- चारों खाने चित्त होना - बुरी तरह हारना
- चिकना घड़ा होना - किसी बात का प्रभाव न पड़ना
- चुल्लू-भर पानी में डूब मरना - शर्मिंदा होना, ग्लानि होना
- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना - भयभीत होना
- चोर की दाढ़ी में तिनका - दोषी व्यक्ति स्वयं ही पकड़ जाता है।
- छकक्के-छुड़ाना - हरा देना; डँटकर संघर्ष लेना; सामना करना
- छठी का दूध याद आना - अधिक परेशान होना
- छप्पर फाड़ कर देना - बिना परिश्रम किये धन मिलना
- छाती पर बाल होना - उदार होना
- छाती पर साँप लोटना - ईर्ष्या होना
- छोटा मुँह बड़ी बात करना - योग्यता से अधिक बखान करना
- जमीन पर पैर न रखना - अधिक गर्व करना
- जहाँ जाय भूखा वहाँ पड़े सूखा - दुःखी व्यक्ति सर्वत्र दु:ख पाता है।
- ज़हर उगलना - ईर्ष्यपूर्ण बातें कहना
- ज़हर की पुड़िया - मुसीबत की जड़
- जिसकी लाठी उसकी भैंस - शक्तिशाली की विजय होती हे।
- झख मारना - विवश होकर समय नष्ट करना
- झोली फैलाना - भीख माँगना
- टाँग अड़ाना - अनावश्यक रूप से बाधा उपस्थित करना
- टेढ़ी खीर होना - दुस्साध्य कार्य
- ठोकरें खाना - कष्ट उठाना
- डींग मारना - व्यर्थ की बड़ाई करना
- ढाक के तीन पात - एक मत न होना, कोई परिणाम न निकलना
- तख्ता पलटना - अपदस्थ करना, पदच्युत करना
- तिल का ताड़ बनाना - छोटी बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करना
- तूम डाल-डाल हम पात-पात - एक दूसरे से अधिक चालाक होने की होड़
- तूती बोलना - धाक जमाना
- तोता की तरह रटना - बिना समझे याद करना
- थाली का बैंगन - अस्थिर चित्त का व्यक्ति
- थोथा चना बजे घना - अल्प बुद्धि मानव सदा डींग मारता हे
- दल-दल में फंसना - संकट में पड़ना
- दांत खट्टे करना - पराजित करना
- दांतों-तले अंगुली दबाना - आश्चर्य करना, भौचक हो जाना
- दाल में काला होना - सन्देह की बात होना
- दिन रात एक करना - निरन्तर प्रयास करते रहना
- दुम दबाकर भाग जाना - डर कर भाग जाना
- दूर के ढोल सुहावने - परिचय के अभाव में दूर की वस्तु प्रिय लगना
- दो नावों में पांव रखना - असमंजस में पड़ना; अवसरवादिता का परिचय देना
- धूप में बाल सफ़ेद होना - अनुभवी होना
- नक्कारखाने में तूती की आवाज़ - बड़ों के बीच में छोटे व्यक्ति की कौन सुनता हे ?
- नमक -मिर्च लगाना - बढ़ा-चढ़ा कर कहना
- नस-नस पहचानना - अच्छी तरह जानना
- नाक काटना - प्रतिष्ठा भंग होना
- नाकों-चने चबाना - अधिक परेशान कर देना
- निन्यानबे के फेर में पड़ना - लालच में फँसना, चक्कर में आ जाना
- नौ-दो ग्यारह होना - सबसे आँख बचाकर भाग जाना
- पगड़ी उछालना - बेइज़्ज़ती करना
- पगड़ी रखना - मान-मर्यादा रखना
- पत्थर पर दूब जमाना - असम्भव को भी सम्भव कर दिखाना
- पहाड़ दूट पड़ना - अकस्मात् विपत्ति का आना
- पाँचों अंगुली घी में होना - सब प्रकार का सुख होना
- पानी-पानी होना - लज्जित होना
- पापड़ बेलना - अत्यन्त कष्ट सहना
- पेट में चूहे कूदना - अत्यधिक भूख लगना
- पौ-बारह होना - अधिक लाभ होना
- बगुला-भगत होना - कपटपूर्ण व्यवहार करना
- बत्तीसी बन्द होना - उदासी छा जाना; निराश हो जाना
- बन्दर-घुड़की देना - प्रभावहीन डांट
- बांछें खिलना - अत्यन्त प्रसन्न होना
- बात का बतंगड़ - तनिक-सी बात को बढ़ाना
- बायें हाथ का खेल-किसी काम को आसानी से कर डालना
- बाल की खाल निकालना - अत्यंत सूक्ष्म तरीके से छान-बीन करना
- बालू से तेल निकालना - असम्भव कार्य करके दिखाना
- बुद्धि पर परदा पड़ना - अक्ल से काम न लेना
- भीगी बिल्ली बन जाना - भयभीत हो जाना
- भूत सवार होना - धुन में संलग्न
- भेड़िया-धँसान होना - बिना विचार किये हुए देखा-देखी काम करना
- माथे पर शिकन न आना - चिन्ता नहीं करना
- मिट्टी का माधौ - मूर्ख, बेकार
- मिट्टी पलीद होना - स्थिति बिगड़ जाना
- मुँह की खाना - हार जाना
- मुट्ठी गरम करना - रिश्वत देना
- मूँछों पर ताव देना - घमण्ड करना
- रंग जमाना - प्रभाव बढ़ाना
- रंग में भंग डालना - विघ्न डालना
- रंगा-सियार होना - कपटी होना
- रफ़ा-दफा करना - समाप्त करना, ले-देकर मामला निपटा देना
- राई का पहाड़ बनाना - थोड़ी बात को बढ़ा-चढ़ा कर कहना
- लकड़ी के बल बन्दर नाचे - भय दिखा कर काम कराना
- लकीर का फ़क़ीर होना - प्राचीन परम्पराओं में अटूट विश्वास
- लकीर पीटना - अवसर निकल जाने पर व्यर्थ प्रयल करना
- लाल-पीला होना - आग-बबूला होना, क्रोधित होना
- लेने-के-देने पड़ना - संकट में फंस जाना
- लोहा मानना - महत्त्व स्वीकार करना
- बारे-न्यारे करना - अत्यधिक लाभ अर्जित करना
- विष के घूंट पीना - कटु वचन सहन कर लेना
- श्रीगणेश करना - प्रारम्भ करना
- सठिया जाना - बुद्धि भ्रष्ट हो जाना
- सवा सोलह आने सही - पूर्णरूपेण ठीक
- सांप को दूध पिलाना - दुष्ट के साथ उपकार करना
- सिर ऊँचा होना - गर्व का अनुभव करना; सम्मान बढ़ाना
- सिर पर कफ़न बाँधना - मरने को तैयार रहना
- सिर मुडाते ओले पड़ना - आरम्भ में ही संकट उत्पन्न होना
- सीधे मुंह बात न करना - घमण्डी होना
- सूर्य को दीपक दिखना - किसी महान् व्यक्ति की तुच्छ प्रशंसा करना
- सोने में सुगन्ध - अत्यधिक गुणवान्
- हथेली पर सरसों उगाना - असम्भव कार्य करना
- हमारी बिल्ली हमसे म्यारऊँ - अपने ही किसी के द्वारा अपना अहित होना
- हवाई किले बनाना - कोरी कल्पना करना
- हाथ-पाँव फूलना - भयभीत हो जाना
- हाथ पीले करना - विवाह करना
- हाथ मलना - पश्चाताप करना
- हुक्का-पानी बन्द होना - बिरादरी से अलग कर देना
- अंगद का पैर होना - दृढ़ता से जम जाना
- अंग्रेजों की नीति अपनाना - फूट डालकर अपना काम बनाने की नीति
- जयचन्द होना - अपनों को छोड़कर दूसरों का साथ देना
- द्रोपदी का चीर होना - अन्त न होना
- बीरबल की खिचड़ी पकाना - अधिक समय तक काम करने पर भी काम का पूरा नहीं होना
- भगीरथ प्रयास - अधिक तथा अनवरत प्रयास
- विभीषण होना - घर का भेदी होना
- हरिश्चन्द्र होना - सत्य पर दृढ़ होना
- सीता-सावित्री बनना - पतिब्रता होना
- त्रिशंकु होना - किसी ओर का न रहना
- गांठ खोलना - कठिनाई दूर करना
- दिल बाग़-बाग़ होना - चित्त प्रसन्न होना