भारत में सिंचाई, भूजल संसाधन, Irrigation, Ground Water Resources in India

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भारत में सिंचाई

आजादी के बाद अब तक कुल सिंचित क्षेत्र 5 गुना ज्यादा बढ़ाया जा चुका है लेकिन 2015 के आंकड़ों के अनुसार अभी भी शुद्ध बोए गए क्षेत्र का मात्र 46% क्षेत्र पर ही सिंचाई सुविधा का विकास किया गया है |
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अर्थात अभी भी शुद्ध बोए गए क्षेत्र का शेष 54 % क्षेत्रफल मानसूनी वर्षा पर निर्भर है।

भारत में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्रफल वाला राज्य उत्तर प्रदेश है |

इसके बाद क्रमशः राजस्थान, पंजाब और आंध्र प्रदेश हैं।

कुल क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक सिंचित राज्य पंजाब है पंजाब का 97% भाग सिंचित है।

सर्वाधिक असिंचित क्षेत्रफल वाला राज्य महाराष्ट्र है तथा इसके बाद राजस्थान है।

देश के कुल सिंचित क्षेत्रों में नहरों, कुओं, नलकूपों व तालाबों का योगदान –

1- नलकूपों (पंपसेट) और कुआं द्वारा – 57 %

2- नहरों द्वारा – 32%

3- तालाबों द्वारा – 6%

शीर्ष चार नहर सिंचित राज्य – उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, पंजाब


👉शीर्ष तीन नलकूप सिंचित राज्य – उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार

👉दक्षिण भारत में प्राचीन काल से तालाब सिंचाई की परंपरा रही है।

👉शीर्ष दो तालाब सिंचित राज्य – आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु

👉दक्षिण भारत में कटोरीनुमा स्थलाकृति या थाला प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।

योजना आयोग ने सिंचाई परियोजना को तीन भागों में बांटा है।

1- वृहद सिंचाई परियोजना


👉वृहद सिंचाई परियोजनाओं में 10000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को सिंचित करने वाली परियोजनाओं को शामिल किया जाता है।

👉बड़े बांध एवं उनसे निकाली गई बड़ी नहरें

2- मध्यम सिंचाई परियोजना


👉2000 हेक्टेयर से अधिक और 10000 हेक्टेयर से कम

👉छोटी नहरे

3- लघु सिंचाई परियोजना


👉2000 हेक्टेयर या उससे कम क्षेत्र

👉नलकूप, कुआ, तालाब, ड्रिप और स्प्रिंकल

👉देश में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्रफल लघु सिंचाई परियोजना के अंतर्गत आता है
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