ग्राफ की व्याख्या एवं विश्लेषण । ग्राफ क्या है ? Graph interpretation and analysis. What is graph?

ग्राफ कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्यक्ष विचरण, प्रतिलोम विचरण, ग्राफ के प्रकार, दण्डचित्र,Bar-Diagram,रेखाचित्र,Line Graph,पाई-चार्ट,मिश्रित ग्राफ

ग्राफ

ग्राफ दो भिन्न राशियों या चरों के बीच के संबंध को तथा एक राशि में हुए परिवर्तन का प्रभाव दूसरे राशि पर क्या पड़ता है, को दिखाने की एक चित्रिय विधि है।

इन दो राशियों को को-आर्डिनेट तल पर दोनों अक्षों से निरूपित किया जाता है और इनके संबंध को दोनों अक्षों के बीच विभिन्न वक्रों से दर्शाया जाता है। दोनों अक्षों में क्षैतिज अक्ष को सामान्यत: X-अक्ष तथा उर्ध्वाधर अक्ष को Y-अक्ष कहते हैं। 

    जैसे- दो संख्याएँ A और B इस तरह हैं कि A, B के वर्ग के बराबर है तो इनके बीच के संबंध को ग्राफ से निरूपित करें-

अर्थात् एक ग्राफ, दो भिन्न राशियों के पारस्परिक परिवर्तनों का प्रदर्शन है।

दोनों राशियों के बीच के संबंध के आधार पर ग्राफ दो प्रकार के हो सकते हैं।

1. प्रत्यक्ष विचरण                                  2. प्रतिलोम विचरण

1. प्रत्यक्ष विचरणः यदि पहली राशि के बढ़ने पर दूसरी राशि बढ़े तथा पहली के घटने पर दूसरी राशि भी घटे तो इसे प्रत्यक्ष विचरण कहते हैं। अर्थात् दोनों राशियों के परिवर्तन की दिशा समान होती है। जैसे-

चूँकि किसी भी एक अक्ष पर मूलबिंदु (O) से दूर जाने पर वो राशि बढ़ती है। अतः प्रत्यक्ष विचरण की स्थिति में ग्राफ हमेशा X अक्ष तथा Y अक्ष दोनों से दूर जाता रहेगा। जैसे-

उपरोक्त चित्र में ग्राफ A, B और C तीनों प्रत्यक्ष विचरण के उदाहरण हैं।

 2. प्रतिलोम विचरण: दो राशियाँ इस प्रकार भी परिवर्तित हो सकती हैं कि यदि एक राशि में वृद्धि होती है, तो दूसरी राशि में कमी होती है तथा एक में कमी होने पर दूसरी में वृद्धि होती है। 

उदाहरणार्थ- जब किसी काम पर अधिक व्यक्ति लगाए जाते हैं, तो वह काम कम समय में पूरा हो जाता है। इसी प्रकार, यदि चाल बढ़ा दी जाए, तो एक निश्चित दूरी तय करने में कम समय लगता है।

इसको समझने के लिए, आइए निम्नलिखित स्थिति को देखें:

अनामिका अपने स्कूल चार विभिन्न प्रकारों से जा सकती है। वह पैदल जा सकती है, दौड़ कर जा सकती है, साइकिल पर जा सकती है और कार में जा सकती है।

संलग्न सारणी का अध्ययन कीजिए :-

ध्यान दीजिए कि जब चाल में वृद्धि होती है, तो समान दूरी को तय करने में लगने वाले समय में कम होती है। जब अनामिका दौड़कर अपनी चाल दुगुनी करती है, तो उसके द्वारा लिया गया समय 1/2 हो जाता है। 

जब वह अपनी चाल साइकिल पर तीन गुना करती हैतो उसके द्वारा लिया गया समय 1/3 रह जाता है। इसी प्रकारजब वह अपनी चाल 15 गुनी करती हैतो उसके द्वारा लिया गया समय 1/15 रह जाता है। अर्थात् समय में होने वाली कमी का अनुपात चाल में होने वाली संगत वृद्धि के अनुपात का प्रतिलोम (inverse) होता है।

रेखाचित्र (Line Graph)

रेखाचित्र (Line Graph) ऐसे आँकड़ों (Data) को प्रस्तुत करता है जो समय के साथ लगातार बदलते रहते हैं। प्रेक्षक इसके सहारे बड़ी आसानी से किसी आँकड़े (Data) के संबंध में दी गई जानकारी को प्राप्त कर सकता है। रेखाचित्र के आँकड़ों की आपसी तुलना भी आसानी से की जा सकती है। चूँकि, सभी आँकड़े काफी स्पष्टता से व्यक्त होते हैं अतः परिणाम की शुद्धता का स्तर भी बढ़ जाता है।

आइये, रेखाचित्र के एक प्रारंभिक स्तर के प्रश्न को समझने का प्रयास करते हैं-

एक छात्र के बीमार पड़ने पर डॉक्टर ने तीन-तीन घंटे बाद उसके शारीरिक तापमान की जाँच की जो आँकड़ों के रूप में दिया गया है-

इन आँकड़ों को बिंदु चित्र के रूप में प्रस्तुत करने पर-

अब इस चित्र के बिंदुओं को आपस में एक रेखा के द्वारा मिलाने पर

समय चित्र से यह स्पष्ट है कि क्षैतिज रेखा (Horizontal Line) (x-axis) समय दिखाती है कि कब-कब शारीरिक तापमान। 

दण्डचित्र (Bar-Diagram)

आँकडों (Data) को प्रस्तुत करने की एक विधि है। इसमें आँकड़ों को आरेख के माध्यम से दण्डों में विभक्त कर दर्शाया जाता है। दर्शाए गए सभी दण्डों की मोटाई तथा इनके बीच की दूरी समान रहती है। कई बार चित्रों को आकर्षक बनाने के लिये दण्डों को छायांकित कर दिया जाता है ताकि उनके बीच की विभिन्नता स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो।

दण्डचित्र के द्वारा आँकड़ों के विचलन या रुझान को आसानी से प्रदर्शित किया जा सकता है। इन चित्रों के द्वारा आँकड़ों की तुलना मोटे तौर पर केवल चित्र देखकर ही की जा सकती है। यही कारण है कि दण्डचित्रों का प्रयोग लगभग सभी क्षेत्रों के आँकड़ों को प्रदर्शित करने के लिये व्यापक रूप से होता है।

आइये, दण्डचित्रों की अवधारणा (Concept) एवं उनके प्रयोग को समझने का प्रयास करें

नीचे दिया गया दण्ड आलेख नृपेन्द्र द्वारा चार सत्रीय परीक्षाओं में उसके गणित विषय में प्राप्त अंकों को दर्शाता है।

इस चित्र को देखकर हम आसानी से पता लगा सकते हैं कि

पाल नृपेन्द्र के गणित विषय में प्राप्त अंक क्रमशः बढ़ते गए हैं तथा इस विषय में उसकी प्रगति अच्छी है। साथ ही चारों सत्रों के अंकों की तुलनात्मक स्थिति भी आसानी से ज्ञात की जा सकती है। यह भी बड़ी आसानी से ज्ञात किया जा सकता है कि प्रथम सत्र से अंतिम सत्र के बीच उसके अंकों की बढ़त का प्रतिशत क्या रहा?

आइये, अब इसी से संबंधित एक और उदारहण पर विचार करते हैं। निम्नांकित दण्डचित्र नृपेन्द्र और नफीसा द्वारा विभिन्न सत्रों में गणित में प्राप्त अंकों को दर्शाता है।

पाई-चार्ट (Pie Chart)

वृत्त चार्ट पर आधारित प्रश्नों को हल करने की विधि को एक उदाहरण के द्वारा समझने का प्रयास करते हैं

यहाँ दिया गया पाई-चार्ट स्कूल नेतृत्व के लिये चुनाव लड़ने वाले चार विद्यार्थियों द्वारा वैध मतों की संख्या को प्रदर्शित करता है डाले गए वैध मतों की संख्या 720 थी।

चार्ट का ध्यानपूर्वक अवलोकन कीजिये तथा उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिये-

1. किसी उम्मीदवार द्वारा प्राप्त न्यूनतम मतों की संख्या कितनी रही?

(a) 100            (b) 110

(c) 120            (d) 130

2. विजेता कौन रहा है?

(a) प्रशांत        (b) अमर

(c) आराधना        (d) प्रवीण

3. जीतने वाले उम्मीदवार ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को कितने मतों से हराया?

(a) 40 (b) 45

(c) 48 (d) 50

हल: 

1. वृत्त चार्ट को देखने से स्पष्ट है कि सबसे कम भाग प्रवीण का है। अब, प्रश्न में यह जानकारी दी गई है कि वैध मतों की कुल संख्या 720 है तथा हम यह भी जानते हैं कि वृत्त का सम्पूर्ण कोण = 360° अतः प्रवीण द्वारा प्राप्त मतों की संख्या

2. वृत्त चार्ट के अवलोकन से स्पष्ट है कि वृत्त के सम्पूर्ण भाग में से सबसे बडा भाग (120) आराधना का है। अतः विजेता आराधना है। 

3. वृत्त चार्ट से स्पष्ट है कि आराधना  विजेता है तथा उसका निकटतम प्रतिद्वन्द्वी प्रशांत है। 

अत: दोनों उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त मतों का अंतर = 240 - 200 = 40

अतः जीतने वाले उम्मीदवारों ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को 40 मतों से हराया है। आइये, इस प्रकार एक और उदाहरण पर विचार करते हैं। 

यहाँ दिया गया पाई-चार्ट एक परिवार द्वारा किसी महीने में विभिन्न मदों पर किये गए व्यय तथा परिवार की बचत, जो ₹ 8,000 है, को दर्शाता है।

पाई-चार्ट का अध्ययन कीजिये तथा इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिये-

4. भोजन पर किये गए व्यय का बचत से अनुपात है- 

(a) 3 : 2  (b) 2 : 1 

(c) 4 : 3 (d) 3 : 4 

परिवार का महीने का कुल व्यय कितना है?

(a) ₹40,000 (b) ₹48,000 

(c) ₹45,000 (d) ₹ 50,000


मिश्रित ग्राफ (Mixed Graph)

पिछले चार अध्यायों में हमने आँकड़ों को प्रदर्शित करने की चार विधियों, यथा सारणी, रेखाचित्र, दण्डचित्र और पाई-चार्ट को पढ़ा है। अब हम उन प्रश्नों को हल करना सीखेंगे जिनमें एक साथ उपरोक्त में से किन्हीं दो विधियों का प्रयोग हुआ है। जैसे कि UPSC CSAT-2013 में पूछे गए प्रश्न में एक साथ दण्डचित्र और पाई-चित्र दोनों का प्रयोग हुआ था।

 दिये गए आँकड़ों को समझकर प्रश्नों का उत्तर दें।

एक संस्थान में पढ़ने वाले विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों की संख्या इन विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों में लड़के और लड़कियों का प्रतिशत निम्नलिखित दण्डचित्र से दिखाया गया है।



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