संज्ञा, लिंग और वचन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर-
1. संज्ञा किसे कहते हैं ?
2. संज्ञा कितने प्रकार की होती हैं?
3. संज्ञा की परिभाषा
4. संज्ञा के उदाहरण
5. लिंग किसे कहते हैं ?
6. लिंग के भेद।
7. लिंग के उदाहरण।
8. लिंग की पहचान
9. वचन किसे कहते हैं?
10. वचन के उदाहरण।
संज्ञा
परिभाषा - किसी व्यक्ति, वस्तु,
स्थान अथवा भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के भेद –
👉व्यक्तिवाचक संज्ञा
👉जातिवाचक संज्ञा
👉समूहवाचक संज्ञा
👉द्रव्यवाचक संज्ञा
👉भाववाचक संज्ञा
(I)व्यक्ति वाचक संज्ञा - जो संज्ञा शब्द किसी व्यक्ति विशेष, स्थान विशेष, वस्तु विशेष को बताता है। जैसे- राम,गंगा, यमुना, हिमालय, भारत, दिल्ली आदि।
(II)जाति वाचक संज्ञा - जो संज्ञा शब्द किसी व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु की जाति का बोध कराते हैं। जैसे - लड़का, पहाड़, नदी, देश आदि।
(III)समूह वाचक संज्ञा - जो संज्ञा शब्द किसी एक व्यक्ति के वाचक न होकर समूह, समुदाय के वाचक हैं। जैसे- पुलिस, परिवार, कक्षा, सभा, समिति आदि।
(IV)द्रव्य वाचक संज्ञा - जिस संज्ञा शब्द से उस सामग्री या पदार्थ का बोध होता है जिससे कोई वस्तु बनी है। जैसे- सोना, चांदी, ऊन, लोहा आदि।
(V)भाववाचक संज्ञा - जो संज्ञा शब्द किसी भाव का बोध कराते हैं। जैसे - प्रेम, घृणा, प्रशंसा, सच्चाई, ईमानदारी, प्रार्थना आदि।
लिंग
परिभाषा -
संज्ञा के जिस रूप से वस्तु की जाति (स्त्री अथवा पुरुष) का बोध हो,
उसे लिंग कहते हें।
लिंग संस्कृत का शब्द है। इसे चिह्न अथवा निशान कहते हैं। हिन्दी में दो लिंग होते हैं - पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग, जबकि संस्कृत में तीन लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथानपुंसक लिंग। फ़ारसी जैसे भाषाओं में लिंग होता नहीं, और भी अंग्रेज़ी में लिंग सिर्फ़ सर्वनाम में होता है।
हिन्दी-व्याकरण में 2 प्रकार के लिंग होते हैं-
(I)पुल्लिंग (II)स्त्रीलिंग
पुल्लिंग- जिस
शब्द से किसी पुरुष अथवा नर का बोध हो, उसे
पुल्लिंग कहते हैं। जैसे -
बालक, बैल, गधा, राजा, युवक, सम्राट इत्यादि।
पुल्लिंग की पहचान- जिन शब्दों के पीछे अ,त्व, आ, आव, पा, पन, न आदि प्रत्यय आये वे पुल्लिंग होते हैं।
अन्य पहचान-
धातुओं के नाम- सोना, ताम्बा , पीतल , लोहा ,चौंदी , पारा
आदि।
द्रवों के नाम- तेल, पेट्रोल , घी , शरबत , दही , दूध आदि।
नक्षत्रों के नाम- सूर्य , चन्द्र , राहु, आकाश , शनि , बुद्ध , बृहस्पति , मंगल , शुक्र आदि।
महीनों के नाम- चैत , आषाढ़ , फागुन आदि।
पेड़ों के नाम- जामुन , बरगद , पीपल , नीम , आम , अमरुद ,आदि।
सागर के नाम- हिन्द महासागर , प्रशांत
महासागर , अरब महासागर आदि।
स्त्रीलिंग - जिस शब्द से किसी स्त्री अथवा मादा का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे- बालिका, गाय, गधी, रानी, युवती, साम्राज्ञी इत्यादि।
स्त्रीलिंग की पहचान- जिनसंज्ञा शब्दों के पीछे ख ,ट , वट , हट , आनी आदि आयें वे समी स्त्रीलिंग होते हैं।
अन्य पहचान-
👉अनुस्वारांत , ईकारांत , उकारांत , तकारांत , सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे :- रोटी ,टोपी , नदी ,चिट्ठी, भीत , लू , बालू आदि,
👉नदियों के नाम- गंगा , यमुना ,
गोदावरी , सरस्वती
👉भाषा, बोलियों तथा लिपियों के नाम-
हिंदी,
देवनागरी, अंग्रेजी,
पंजाबी, फ्रांसीसी , अरबी ,फारसी।
👉तारीखो और तिथियों के नाम-
पहली ,
दूसरी , प्रतिपदा
👉नक्षत्रो के नाम- अश्विनी , भरणी , रोहिणी , रेवती
स्त्रीलिंग प्रत्यय- जब पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तब प्रत्ययों (ई, इनी, इन, नी,आनी, आइन,इया) को शब्दों में जोड़ा जाता है जिन्हें स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते हैं।
उदाहरण-
ई- बड़ा - बड़ी
इनी- योगी - योगिनी
इन- धोबी - धोबिन
नी- मोर - मोरनी
आनी- जेठ - जेठानी
आइन- ठाकुर - ठकुराइन
इया- बेटा - बिटिया
स्त्रीलिंग के अपवाद- जनवरी , मई , जुलाई , पृथ्वी , मक्खी , ज्वार , अरहर , मूंग ,चाय , काफी , लस्सी , चटनी , इ ,ई ,क्र , जीभ,आँख, नाक, उँगलियाँ , समा , कक्षा , संतान, प्रथम , तिथि ,छाया , खटास , मिठास , आदि।
वचन
परिभाषा - संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप
से यह ज्ञात हो कि वह एक के लिए प्रयुक्त है अथवा अनेक के लिए, उसे "वचन" कहते हैं।
एकवचन - एकवचन से एक ही वस्तु का बोध होता है। उदाहरण के लिए - लड़का, लेखनी, पुस्तक, हाथी इत्यादि।
बहुवचन -
इसमें एक से अधिक वस्तुओं का बोध होता है। उदाहरण के लिए - लड़के,
पुस्तकें, घोडें, कुत्ते
इत्यादि।
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