योजना आयोग क्या है? पंचवर्षीय योजनाएं किसे कहते हैं

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योजना आयोग

👉भारत का योजना आयोग, भारत सरकार की एक संस्था थी जिसका प्रमुख कार्य पंचवर्षीय योजनायें बनाना था। 

👉2014 में इस संस्था का नाम बदलकर नीति आयोग (राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍थान) किया गया। 

👉भारत में योजना आयोग के संबंध में कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। 

👉15 मार्च 1950 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव के द्वारा योजना की स्थापना की गई थी। 

👉योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। 

👉13 अगस्त 2014 को योजना आयोग खत्म कर दिया गया और इसके जगह पर नीति आयोग का गठन हुआ।

👉 नीति आयोग भारत सरकार की एक थिंक टैंक है। 

👉योजना आयोग का हेड क्वार्टर योजना भवन के नाम से जाना जाता था। यह नई दिल्ली में है।

इसके कार्य: -

👉देश के संसाधनों का आकलन करना।

👉इन संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण करना।

👉प्राथमिकताओं का निर्धारण और योजनाओं के लिए संसाधनों का आवंटन करना।

👉योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक मशीनरी का निर्धारण करना।

👉योजनाओं की प्रगति का आवधिक मूल्यांकन करना।

👉देश के संसाधनों का सबसे प्रभावी और संतुलित ढंग से उपयोग करने के लिए योजनाओं का निर्माण करना।

👉आर्थिक विकास को बाधित करने वाले कारकों की पहचान करना।

👉योजना के प्रत्येक चरण के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक मशीनरी का निर्धारण करना।

पंचवर्षीय योजना

भारत की पंचवर्षीय योजना केंद्र सरकार द्वारा 5 वर्षों के लिए राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास की एक योजनाएं थी। इन पंचवर्षीय योजनाओं को वर्ष 1950 से 2014 तक योजना आयोग द्वारा बनाया जाता रहा है। वर्ष 2014 से पंचवर्षीय योजनाओं तथा योजना आयोग की जगह नीति आयोग ने ले ली है।

योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 में हुआ। भारत का प्रधानमंत्री ही योजना आयोग का अध्यक्ष होता था। संविधान में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं है। राष्ट्रीय विकास परिषद NDC का गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया। NDC को सुपर कैबिनेट भी कहा जाता था। NDC का उद्देश्य योजना आयोग द्वारा बनायी गयी पंचवर्षीय योजना को ठीक से क्रियानवित कराना था। पंचवर्षीय योजना अंतिम रूप से इसी के द्वारा स्वीकृत की जाती थी।

👉भारत में आर्थिक आयोजन संबंधी प्रस्ताव सर्वप्रथम सन 1934 ई. में 'विश्वेश्वरैया' की पुस्तक 'प्लांड इकोनोमी फॉर इंडिया' में आई थी। इस पुस्तक में भारत के विकास के लिए 10 वर्षीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया था।
👉1938 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में 'राष्ट्रीय नियोजन समिति' का गठन किया।

👉1944 ई. में बम्बई के आठ उद्योगपतियों द्वारा बाम्बे प्लान प्रस्तुत किया गया जिसमें 15 वर्षीय सूत्रबद्ध योजना थी। बाम्बे प्लान के सूत्रधार सर आर्देशिर दलाल थे।

👉1944 ई. में भारत सरकार ने 'नियोजन एवं विकास विभाग नामक नया विभाग खोला। इसी वर्ष श्री मन्नानारायण ने 'गांधीवादी योजना' बनाई।

👉1945 में श्री एम. एन. राय ने 'जन योजना (People 's Plan) बनाई।

👉1950 ई. में जय प्रकाश नारायण ने 'सर्वोदय योजना' प्रकाशित की।

👉स्वतंत्रता पश्चात सन 1947 ई. में पंडित नेहरु की अध्यक्षता में आर्थिक नियोजन समिति गठित हुई। बाद में इसी समिति की सिफारिश पर 15 मार्च, 1950 ई. में योजना आयोग का गठन एक गैर-सांविधिक तथा परामर्शदात्री निकाय के रूप में किया गया। भारत के प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। भारत की पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल, 1951 ई. से प्रारंभ हुई।

👉प्रथम योजना आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु एवं उपाध्यक्ष गुलजारी लाल नंदा थे। 15 अगस्त, 2014 ई. को योजना आयोग को समाप्त कर दिया गया है।

👉भारत में अब तक ग्यारह पंचवर्षीय योजनाएं लागू की जा चुकी है और 1 अप्रैल, 2012 ई. से 12वीं पंचवर्षीय योजना प्रारंभ की गई है।

भारत की पंचवर्षीय योजनाएँ

प्रथम पंचवर्षीय योजना

विकास दर -
लक्ष्य 2.1% प्राप्ति 3.6%


प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक चली। योजना आयोग के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे।

👉 हेरॉड डोमर मॉडल पर आधारित थी। प्राथमिकता कृषि विकास पर थी।

👉 भाखड़ा नागल, हीराकुंड, दामोदर घाटी जैसी बहुउद्देशीय परियोजना चालू की गई। कृषि विकास इसकी प्रथम प्राथमिकता थी जिसे प्राप्त भी किया गया।

द्वितीय पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 4.5% प्राप्ति 4.2%


प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 1956 से 31 मार्च 1961 तक चली। पी०सी० महालनोबिस मॉडल पर आधारित थी।

👉 योजना आयोग के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे।

👉 प्राथमिकता- औद्योगिक विकास एवं उद्योग जगत पर केंद्रित थी। 

👉 राऊरकेला, भिलाई, दुर्गापुर इस्पात संयंत्रों की स्थापना। 

👉 भारत सहायता क्लब की स्थापना इसी के अन्तर्गत हुयी थी।

तृतीय पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 5.6% प्राप्ति 2.8%


👉 1 अप्रैल 1961 से 31 मार्च 1966 तक चली। 1

👉 योजना आयोग के अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे।

👉 प्राथमिकता - आत्मनिर्भरता एवं कृषि एवं उद्योग पर बल दिया गया। सबसे अधिक बल कृषि पर दिया गया था। 

विकास दर का लक्ष्य पूरा न होने के कारण

👉 1962 का भारत चीन युद्ध ।

👉 1965 भारत पाक युद्ध

👉 1966 का सूखा।

👉 हरित क्रांति शुरू हुयी थी।

योजना अवकाश (प्रथम) (1966-1969)

तृतीय पंचवर्षीय योजना के विफल होने के कारण पंचवर्षीय योजनाओं को रोक दिया गया, इसी काल को प्रथम योजना अवकाश के नाम से जाना जाता है। अगले तीन वर्षों तक वर्षिक योजना चलाई गयी।

चौथी पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 5.7% प्राप्ति 3.4%


प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 1969 से 31 मार्च 1974 तक चली।

👉 योजना आयोग की अध्यक्ष इंदिरा गाँधी ।प्राथमिकता स्थिरता के साथ आत्मनिर्भरता पर बल दिया गया। कृषि तथा सिंचाई को भी महत्व दिया गया।

👉 इस योजना का प्रारूप योजना आयोग के उपाध्यक्ष डी०पी० गाडगिल ने तैयार किया था।

👉 इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान 14 बैंको का राष्ट्रीय करण किया गया था। 

👉 ISRO की स्थापना एक अन्य मुख्य कार्य था।

👉 विकास दर की लक्ष्य प्राप्ति न होने के बाद भी इस पंचवर्षीय योजना ने अब तक सर्वाधिक कृषि वृद्धि दर्ज की गयी।

पांचवी पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 4.4% प्राप्ति 4.5%

प्रमुख कार्य
यह योजना समय से पहले ही समाप्त हो गयी थी। Re-election के कारण इंदिरा गाँधी की सरकार 4 वर्ष में ही गिर गयी। बाद में जनता पार्टी की मोरारजी देसाई की सरकार आयी। मिर्डल ने पिछड़े देशों के लिए एक प्लान दिया था जिसे रोलिंग प्लान के नाम से जाना जाता है। 1978 में जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में इसे स्वीकार किया था।

👉 1975 में TPP (Twenty Point Program) गरीबी हटाओं अभियान लाया गया था। ये पंचवर्षीय योजना केवल 
4 वर्ष की थी।

👉 1 अप्रैल 1974 से 31 मार्च 1978 तक चली। सामाजिक वानिकी (Forestry) शुरू की गयी।

👉 प्राथमिकता - गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भरता ।

👉 गरीबी हटाओ का नारा इसी योजना में दिया गया। 

योजना अवकाश (द्वितीय)-1979-1980

मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार ने वर्ष 1978 से पंचवर्षीय योजनाओं को पुनः बंद कर दिया तथा उसके स्थान पर वार्षिक योजनाएँ बनायीं, इस काल को द्वितीय योजना अवकाश के नाम से भी जाना जाता है।

छठी पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 5.2% प्राप्ति 5.7%

प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 1980 से 31 मार्च 1985 तक चली। प्राथमिकता गरीबी निवारण, आर्थिक विकास, आधुनिकरण एवं आत्मनिर्भरता मुख्य उद्देश्य रहे।

👉 ग्रामीण बेरोजगारी, गरीबी निवारण से सम्बन्धित कई योजनाएँ बताई गयी।

👉 ग्रामीण विकास बैंक NABARD की स्थापना की गयी।

सातवी पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 5% प्राप्ति 6%

प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 1985 से 31 मार्च 1990 तक चली।

👉 प्राथमिकता रोजगार, शिक्षा और जन स्वास्थ्य पर बल दिया गया। "भोजन, काम और उत्पादन" का नारा इसी योजना में दिया गया।

👉 "गरीबी की माप" सबसे पहले इसी योजना में लकड़वाल समिति द्वारा हुयी थी। • जवाहर रोजगार योजना भी इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू करी गयी।

योजना अवकाश (तृतीय) (1990-1992)

वर्ष 1990 से 1992 तक भारत गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस समय अवधि के दौरान पंचवर्षीय योजनाओं को नहीं बनाया गया था। इस समय काल को तृतीय योजना अवकाश के नाम से जाना जाता है।

आठवीं पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 5.6% प्राप्ति 6.8%

प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 1992 से 31 मार्च 1997 तक चली थी।

👉 योजना आयोग के अध्यक्ष पी वी नरसिम्हा राव थे। 

👉 जॉन डब्ल्यू मिलर मॉडल पर आधारित थी।

👉 प्राथमिकता रोजगार वृद्धि आधुनिकरण एवं आत्मनिर्भरता ।

👉 प्रधानमंत्री रोजगार योजना की शुरुआत इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान हुयी।

👉 आठवी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत ही LPG Reforms (Liberalisation, Privatisation and Globalisation) आये गये थे।

नौवीं पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 6.5% प्राप्ति 5.5%

प्रमुख कार्य
👉 अप्रैल: 1997 से 31 मार्च 2002 तक चली।

👉 प्राथमिकता - मानव विकास के साथ न्यायपूर्ण वितरण एवं समानता पर बल दिया गया।

👉 यह योजना अंतर्राष्ट्रीय मंदी के कारण असफल रही।

दसवीं पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 8% प्राप्ति 7.7%


प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 2002 से 31 मार्च 2007 तक चली। प्राथमिकता - गरीबी को समाप्त करना एवं अगले 2 वर्ष में प्रति व्यक्ति आय को दुगना करना।

ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना

विकास दर
लक्ष्य 9% प्राप्ति 7.9%

प्रमुख कार्य
👉 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2012 तक चली।

👉 प्राथमिकता - तीव्रतम एवं समावेशी विकास ।

👉 सबसे उच्चतम विकास दर इसी पंचवर्षीय योजना में प्राप्त की गयी।

👉 आम आदमी बीमा योजना ।

👉 राजीव आवासीय योजना ।

👉 प्रधान मंत्री आदर्श ग्राम योजना ।

बारहवीं पंचवर्षीय योजना

👉 1 अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक चलनी थी । परन्तु 2014 में योजना आयोग को बंद करके 2015 से नीति आयोग शुरू किया गया।

👉 प्राथमिकता - तीव्रतम एवं समावेशी विकास।
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