राजपूत राज्यों का उदय
गुर्जर-प्रतिहार राज्यों के अवशेष पर कई नये राज्यों का उदय हुआ। 10वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तथा 11वीं शताब्दी के प्रारम्भ में कई स्वतन्त्र राज्यों का आविर्भाव हुआ, जिन्हें राजपूत राज्य' माना जाता है।
राजपूतों की उत्पत्ति
👉 राजपूत राज्यों के इतिहास के साक्ष्य के रूप में प्रमुख ऐतिहासिक ग्रन्थ-हम्मीरमहाकाव्य, कुमारपालचरित, नवसाहसांकचरितम् पृथ्वीराज रासो इत्यादि है।
👉 कर्नल टॉड के अनुसार राजपूत शक-कुषाण एवं हूणों की सन्तान थे।
👉वी. ए. स्मिय एवं
विलियम क्रुक के अनुसार राजपूत विदेशी थे। आर. जी. भण्डारकर तथा डॉ. ईश्वरी प्रसाद का भी यही मत है।
👉चन्दवरदाई के अनुसार राजपूतों की
उत्पत्ति यज्ञकुण्ड से हुई थी। नवसाहसांकचरितम् , हम्मीररासो, पृथ्वीराज
रासो एवं सिसाणा अभिलेख में इस मत की पुष्टि की गई है।
👉पृथ्वीराज रासो के अनुसार परशुराम
द्वारा क्षत्रियों को समाप्त कर देने पर सम्पूर्ण जगत में अव्यवस्था फैल गई थी, अतः धर्म की सुरक्षा
के लिए ब्रह्मा की आज्ञा से विश्वामित्र, गौतम, अगस्त्य ने आवू पर्वत पर यज्ञकरना प्रारम्भ किया था। उस समय दैत्यों ने
बाधा पहुँचाई, उससे बचने के लिए वशिष्ठ मुनि ने अग्निकुण्ड
से तीन वीर पुरुषों-प्रतिहार, चालुक्य, परमार को पैदा किया, लेकिन वे धर्म की रक्षा करने
में नाकाम रहे। तव एक नये अग्निकुण्ड से वशिष्ठ ने चौहानों को पैदा किया।
जिन्होंने राक्षसों को मार भगाया। यह कथा नवसाहसांकचरितम्, हम्मीररासों,
पृथ्वीराजरासो एवं सिसाणा अभिलेख में भी वर्णित है।
👉प्रतिहार, राष्ट्रकूट, सिसोदिया एवं चालुक्य अपना सम्बन्ध राम या कृष्ण के साथ जोड़ते हैं।
👉 जी. एच. ओझा एवं सी. वी. वैद्य के अनुसार राजपूत वैदिककालीन क्षत्रियों
की सन्तान थे।
👉 डॉ. दशरथ शर्मा एवं विश्वंभरशरण
पाठक के अनुसार ब्राह्मणों से राजपूतों की उत्पत्ति हुई थी।
👉 प्रतिहार, चौहान, चंदेल, गुहिल राजवंशों के संस्थापक ब्राह्मण ही थे।
गुप्त साम्राज्य एवं गुप्तोत्तरकाल में अरबों के आक्रमण से बचने के लिए ब्राह्मणों
ने शास्त्रों से शस्त्र घारण करना प्रारम्भ कर दिया था।
👉 वी. ए. स्मिथ के
अनुसार राजपूत प्राचीन आदिम-जातियों गोंड, भर, खरवार आदि के वंशज थे। गुर्जर-प्रतिहारवंश की स्थापना हरिश्चन्द्र नामक
ब्राह्मण शासक ने की थी।
महत्त्वपूर्ण
राजपूत राज्य
11वीं-।2वीं शताब्दी के दौरान प्रमुख राजपूत राज्यों पर निम्नलिखित राजवंशों का शासन था-