दक्षिण एशिया तथा भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास
पाषाण युग- पाषाण का अर्थ होता है पत्थर इससे हम समझ सकते हैं की पाषाण काल में मानव पत्थर की सहायता से जीवन यापन करता था। जैसे - पत्थर से आग जलाना, पत्थर से शिकार करना, पत्थर की गुफाओं में रहना। पाषाण युग के तीन चरण माने जाते हैं - पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल।
पाषाण युग को हम ऐसे भी समझ सकते हैं -
पाषाण युग (7000-3000 ई.पू.)
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निम्न पुरापाषाण (20 लाख वर्ष पूर्व)
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मध्य पुरापाषाण (80 हजार वर्ष पूर्व)
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मध्य पाषाण (12
हजार वर्ष पूर्व)
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नवपाषाण मेहरगढ़ संस्कृति
(7000–3300 ई.पू.)
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ताम्रपाषाण (6000 ई.पू.)
पाषाण काल से संबन्धित महत्वपूर्ण बिंदु -
👉 भारत
में मानव का साक्ष्य सर्वप्रथम नर्मदा घाटी (मध्य प्रदेश ) में मिलता है।
👉 मानव
कंकाल के साथ कुत्ते का का कंकाल बुर्जाहोम पुरातत्व स्थल (जम्मू और कश्मीर) से
प्राप्त होता है।
👉 गर्त
आवास के साक्ष्य बुर्जाहोम पुरातत्व स्थल (जम्मू और कश्मीर) से प्राप्त होते हैं।
👉 मेहरगढ़
से प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण प्राप्त होते हैं।
👉 सर्व
प्रथम नवपाषाण काल में खाद्यानों की कृषि प्रारम्भ हुयी।
👉 भारतीय
उप महाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य लहुरादेव से प्राप्त होते हैं।
👉 मानव
द्वारा सर्वप्रथम प्रयोग किया जाने वाला अन्न जौं है।
👉 पशुपालन
का प्रारम्भ मध्य पाषाण काल में प्रारम्भ हुआ था।
👉 भीम
बेटका गुफा शैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध है।