विलयन
दो
या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है। निंबू जल,
सोडा जल, आदि इसके उदाहरण है। प्राय: विलयन को
ऐसे तरल पदार्थ के रूप में माना जाता है। जिसमें ठोस द्रव या गैस मिला हो पर ठोस विलयन
मिश्र धातु और गैसीय विलयन वायु भी होती है। एक विलयन के कणों में समांगिता होती
है। निंबू जल का स्वाद सदा एक समान रहता है। यह प्रकट करता है कि विलयन में चीनी और
नमक समान रूप से बंटे होते हैं। विलयन में विलायक और विलय होते है। विलयन में जिसकी
मात्रा अधिक होती है, उसे विलायक कहते हैं। जिसकी मात्रा कम
होती है, उसे विलेय कहते हैं। चीनी और जल के घोल में चीनी
विलये हैं, और जल विलायक है। टिक्चरआयोडीन,कोक,वायु आदि विलयन हैं।
विलयन के गुण
यह एक समांगी मिश्रण है।
इसके कण 1A0(10-10m.)
से भी छोटे होते हैं।
इसके कणों को नंगी आंखों से देखा नहीं जा
सकता।
ये टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते।
इसके कण नीचे नहीं बैठते।
वास्तविक विलयन
वह विलयन जिसमें विलये के कणों का आकार 10-10cm.तक होता है इसमें विलेय के कण विलायक के कणों के मध्य स्थानों में लुप्त
हो जाते हैं। ऐसा विलयन समांगी मिश्रण होता है। उदाहरण जैसे-नमक तथा चीनी जलीय विलये हैं।
विशेषताएं
वास्तविक विलयन साफ और पारदर्शी होता है।
यह समांगी मिश्रण होता है।
इसके कणों का आकार 10-8cm.तक होता है।
यह प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं करते।
इन्हें छान कर अलग नहीं किया जा सकता।
कोलाइडी विलयन क्या है
कोलाइडी एक विलयन है जिसमें विलेय के पदार्थ
के कणों का आकार 10-7cm.और 10-9cm.के बीच होता है। अर्थात पदार्थ विलयन और निलंबन के बीच होता है यदि एक
परखनली में पानी में स्याही या दूध की एक दो बूंद डाले तो पानी का रंग बदल जाएगा
वह विलयन कोलाइडी विलयन है कोलाइडी विलयन को सॉल कहते हैं। रक्त,टूथपेस्ट,साबुन का घोल,जेम,कोहरा आदि कोलाइडी विलयन के उदाहरण है।
विशेषताएं
कोलाइडी विलयन समांगी प्रतीत होते हैं. पर
वास्तव में वे विषमांगी होते हैं।
कोलाइडी कणों को फिल्टर पेपर से छान कर अलग
नहीं किया जा सकता।
कोलाइडी कण स्थिर अवस्था में रखे जाने पर भी
तेल पर नीचे नहीं बैठते।
कोलाइडी कण ब्राउनी गति प्रकट करते हैं।
कोलाइडी विलयन टिंडल प्रभाव दिखाते हैं।
कोलाइडी कणों पर ऋण या धन आवेश होता है जिस
कारण विद्युत संचालन प्रकट करते हैं।
कोलाइडी कणों का आकार 10-9cm.से 10-7cm.के बीच होता है।
संतृप्त विलयन तथा असंतृप्त विलयन
संतृप्त विलयन : किसी
विशेष ताप पर किसी विलयन में जब और अधिक विलयन न घुल सके तो वह विलयन संतृप्त विलयन
कहलाता है।
असंतृप्त विलयन :ऐसा
घोल जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय की मात्रा और अधिक मात्रा में द्वारा घोला जा
सकता है। असंतृप्त विलयन कहलाता है।
जलीय विलयन तथा अजलीय विलयन
जलीय विलयन: विभिन्न
पदार्थों के जल में घोलकर बनाए गए विलियनो को जलीय विलयन कहते हैं। जलीय विलयन में
विलायक जल होता है उदाहरण-नमक का जल में विलयन, कॉपर
सल्फेट का जल में विलयन।
अजलीय विलयन : कुछ
पदार्थ जल में नहीं घुलते परंतु कार्बनिक द्रव्य में घुलकर विलयन बनाते हैं. ऐसे विलयन
को जलीय विलयन कहते हैं. इसमें विलायक प्राय:एल्कोहल,एसीटोन,टेट्रोक्लोराइड कार्बन सल्फाइड तथा बेंजीन
आदि होते है उदाहरण-एल्कोहल में आयोडीन का घोल,नेफ्थालिन का
बेंजीन मे घोल।
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