विस्फोटक (Explosive)
विस्फोटक ऐसे पदार्थ होते हैं, जिसके दहन से अत्यधिक ऊष्मा व तीव्र ध्वनि उत्पन्न होती है। उसे विस्फोटक कहते हैं। कुछ विस्फोटक निम्न हैं-
- टी.एन.टी. (T.N.T): T.N.T हल्का पीला क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है। यह टालूईन के साथ सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल, सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से बनाया जाता है। इसका सबसे अधिक उपयोग विस्फोटक के रुप में किया जाता है। इसका पूरा नाम ट्राई नाइट्रो-टालूईन (T.N.T) है।
- डायनामाइट (Dynamite): 1865 में अल्फ्रेड नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार किया था। आधुनिक डाइनामाइट में नाइट्रोग्सिरीन की जगह सोडियम नाइट्रेट का प्रयोग किया जाता है।
- आर.डी.एक्स. (R.D.X.): इसका पूरा नाम रिसर्च डेवलपमेंट एक्सप्लोजिव है। इस विस्फोटक को सं.रा. अमेरिका में साइक्लोनाइट, जर्मनी में हेक्सोजन तथा इटली में टी-4 के नाम से जाना जाता है। इसमें प्लास्टिक पदार्थ, जैसे - पॉलिब्यूटाइन, एक्रिलिक अम्ल, या पॉलियूरेथेन को मिला कर प्लास्टिक बान्डेड एक्सप्लोसिव बनाया जाता है।
- ट्राइनाइट्रो ग्लिसरीन (T.N.G): ट्राई नाइट्रो ग्लिसंरीन एक रंगहीन तैलीय द्रव है। यह डाइनामाइट बनाने के काम आता है।
- टाई-नाइट्रो फिनॉल (T.N.P): को पिकरिक अम्ल भी कहा जाता है। यह फिनाल व सान्द्र नाइट्रिक अम्ल की अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता है। यह हल्का पीला, क्रिस्टलीय ठोस होता है, जो अत्यधिक विस्फोटक होता है।
- पिक्रिक एसिड: यह TN.T. से अधिक विस्फोटक होता है। इसका प्रयोग बमों आदि में होता है।
- गन कॉटन: रूई अथवा लकड़ी के रेशों पर सांद्र नाइट्रिक अम्ल की अभिक्रिया से गन कॉटन अथवा नाइट्रोसेलुलोस प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग पहाड़ों को तोड़ने तथा युद्ध में किया जाता है।