तरंग किसे कहते हैं, तरंगें कितने प्रकार की होतीं हैं

तरंग (Waves)

जब ऊर्जा का संचरण दोलन , कम्पन्न या उतार चढाव के रूप में होता है और ऊर्जा एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो जाती है इसे ही तरंग कहते है।

तरंगों के प्रकार (types of waves)

तरंगे चार आधार पर वर्गीकृत की जा सकती है –

1. माध्यम के आधार पर
2. ऊर्जा संचरण के आधार पर
3. विमीय आधार पर
4. कणों के आधार पर

अब इन सभी आधारों पर हम तरंगो के प्रकारों को हम विस्तार से अध्ययन करेंगे।

1. माध्यम के आधार पर माध्यम के आधार पर तरंगो को दो भागों में बाँटा गया है –

(i) यांत्रिक तरंग Mechanical waves :- यांत्रिक तरंगों के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है ,ये बिना माध्यम के संचरित नहीं हो सकतीं। इनका संचरण माध्यम के कणों के दोलनों के कारण संभव हो पाता है तथा माध्यम के प्रत्यास्थ गुणों पर निर्भर करता है।

उदाहरण – स्प्रिंग तरंग आदि।

यांत्रिक तरंग Mechanical waves

(ii) विद्युत चुम्बकीय तरंग Electromagnetic Waves :- विद्युत-चुंबकीय तरंगों के संचरण के लिए माध्यम का होना आवश्यक नहीं है इनका संचरण निर्वात में भी होता है। निर्वात में सभी विद्युत-चुंबकीय तरंगों की चाल, C, समान होती है। जिसका मान है (C= 29,97,92,458ms-1 )  

उदाहरण – प्रकाशरेडियो तरंगें, X-किरणें

विद्युत चुम्बकीय तरंग Electromagnetic Waves

2. ऊर्जा संचरण के आधार पर

(i) प्रगामी तरंग Progressive Waves :- ये तरंगे जो माध्यम में एक नियत वेग से ही आगे की तरफ बढती है , अर्थात इन तरंगो का वेग नियत रहता है। इन तरंगो में सभी कणों का आयाम समान होता है। उदाहरण – जल की सतह पर उत्पन्न तरंग।

Progressive Waves, प्रगामी तरंग

(ii) अप्रगामी तरंगे Stationary Waves :- जब दो तरंग जिनका अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य बराबर हो और दोनों तरंगे आपस में विपरीत दिशा में गति करती है तो इन दोनों तरंगो के अध्यारोपण से एक स्थिर तरंग बनती हुई प्रतीत होती है , इस स्थिर प्रतीत तरंग को ही अप्रगामी तरंग कहते है। उदाहरण – बांसुरी और गिटार की तरंगे।

अप्रगामी तरंगे Stationary Waves

3. विमीय आधार पर

(i) एक विमीय तरंग :- जब तरंग किसी दिशा या विमा में गति करती है या एक सरल रेखा के रूप में गति करती है तो इस प्रकार की तरंगो को एक विमीय तरंग कहते है। उदाहरण – सीधी बंधी हुई रस्सी में उत्पन्न तरंग।

rope wave

(ii) द्विविमीय तरंग :- जब कोई तरंग दो विमाओं में गतिशील हो या दूसरे शब्दों में कह सकते है की तरंग किसी तल में गति करती है तो उन तरंगो को द्वि विमीय तरंग कहते है। उदाहरण : जल की सतह पर उत्पन्न तरंग आदि।

(iii) त्रिविमीय तरंग :- जब कोई तरंग तीनों विमाओं में गतिशील रहती है अर्थात स्वतंत्र आकाश में तीन दिशाओ में गति करती है तो इस प्रकार की तरंगो को त्रि विमीय तरंग कहते है। उदाहरण – रेडियो तरंग।

4. कणों के आधार पर

(i) अनुप्रस्थ तरंग : जब तरंग के कण इसकी संचरण की दिशा के लम्बवत कम्पन्न करते है तो इस प्रकार की तरंगो को अनुप्रस्थ तरंग कहते है। उदाहरण – प्रकाश तरंग आदि।

(ii) अनुदैर्ध्य तरंग : ऐसी तरंग जिसमे माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा में कम्पन्न करते है , अनुदैर्ध्य तरंग कहलाती है। उदाहरण – स्प्रिंग में उत्पन्न तरंग।

अन्य

एक अन्य तरंग है जिसे द्रव्य तरंग के नाम से जाना जाता हूँ । यह द्रव्य के इलेक्ट्रॉन, प्रोटान, न्यूट्रान, परमाणु तथा अणु जैसे घटकों से संबद्ध हैं। ये तरंगें प्रकृति के क्वांटम यांत्रिकीय विवरण में प्रकट होती हैं

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