What is Plant Morphology? पादप आकारिकी किसे कहते हैं

पादप आकारिकी(Plant Morphology)

पादप आकारिकी अथवा आकार विज्ञान (अंग्रेजी में मॉरफ़ॉलाजी) शब्द वनस्पति विज्ञान तथा जंतु विज्ञान के अंतर्गत उन सभी अध्ययनों के लिए प्रयुक्त होता है। जिनका मुख्य विषय जीवपिंड का आकार और रचना है। पादप आकारिकी में पादपों के आकार और रचना तथा उनके अंगों (मूल, स्तंभ, पत्ती, फूल आदि) एवं इन अंगों के परस्पर संबंध और संपूर्ण पादप से उसके अंगों के संबंध का विचार किया जाता है।

plant morphology

जड़ (ROOTS)-

जड़ पृथ्वी की ओर नीचे की तरफ बढ़ती है। यह मूल रूप से दो प्रकार की होती है : एक तो द्विबीजपत्री पौधों में प्राथमिक जड़ बढ़कर मूसला जड़ बनाती है तथा दूसरी प्रकार की वह होती हैं, जिसमें प्राथमिक जड़ मर जाती है। और तने के निचले भाग से जड़ें निकल आती हैं। एकबीजपत्रों में इसी प्रकार की जड़ें होती हैं। इन्हें रेशेदार जड़ या झकड़ा जड़ कहते हैं। जड़ के नीचे की नोक एक प्रकार के ऊतक से ढकी रहती है, जिसे जड़ की टोपी कहते हैं। इसके ऊपर के भाग को बढ़नेवाला भाग कहते हैं। इस हिस्से में कोशिकाविभाजन बहुत तेजी से चलता रहता है। इसके ऊपर के भाग को जल इत्यादि ग्रहण करने का भाग कहते हैं और इसमें मूल रोम (root hair) निकले होते हैं। ये रोम असंख्य होते हैं, जो बराबर नष्ट होते और नए बनते रहते हैं। इनमें कोशिकाएँ होती है तथा यह मिट्टी के छोटे छोटे कणों के किनारे से जल और लवण अपने अंदर सोख लेती हैं।

Root, plant morphology

तना-

तना या स्तंभ बीज के कोलियाप्टाइल भाग से जन्म पाता है और पृथ्वी के ऊपर सीधा बढ़ता है। तनों में पर्वसंधि (node) या गाँठ तथा पोरी (internode) होते हैं। पर्वसंधि पर से नई शाखाएँ पुष्पगुच्छ या पत्तियाँ निकलती हैं। इन संधियों पर तने के ऊपरी भाग पर कलिकाएँ भी होती हैं। पौधे के स्वरूप के हिसाब से तने हरे, मुलायम या कड़े तथा मोटे होते हैं। इनके कई प्रकार के परिवर्तित रूप भी होते हैं। कुछ पृथ्वी के नीचे बढ़ते हैं, जो भोजन इकट्ठा कर रखते हैं। प्रतिकूल समय में ये प्रसुप्त (dormant) रहते हैं तथा जनन का कार्य करते हैं, जैसे कंद (आलू) में, प्रकंद (अदरक, बंडा तथा सूरन) में, शल्ककंद (प्याज और लहसुन) में इत्यादि। इनके अतिरिक्त पृथ्वी की सतह पर चलनेवाली ऊपरी भूस्तारी (runner) और अंत:भूस्तारी (sucker) होती हैं, जैसे दब, या घास और पोदीना में। कुछ भाग कभी कभी काँटा बन जाते हैं। नागफन और कोकोलोबा में स्तंभ चपटा और हरा हो जाता है, जो अपने शरीर में काफी मात्रा में जल रखता है।

पत्तियाँ-

पत्तियाँ तने या शाखा से निकलती हैं। ये हरे रंग की तथा चपटे किस्म की, कई आकार की होती है। इनके ऊपर तथा नीचे की सतह पर हजारों छिद्र होते हैं, जिन्हें रध्रं (stomata) कहते हैं। इनसे होकर पत्ती से जल बाहर वायुमंडल में निकलता रहता है तथा बाहर से कार्बनडाइऑक्साइड अंदर घुसता है। इससे तथा जल से मिलकर पर्णहरित की उपस्थिति में प्रकाश की सहायता से पौधे का भोजननिर्माण होता है।

Leaf, plant morphology

फूल(FLOWER)-

फूल या पुष्प पौधों में जनन के लिये होते हैं, और पौधे का सबसे आकर्षक भाग होते हैं। पौधों में फूल अकेले या समूह में किसी स्थान पर जिस क्रम से निकलते हैं उसे पुष्पक्रम (inflorescence) कहते हैं। जिस मोटे, चपटे स्थान से पुष्पदल निकलते हैं, उसे पुष्पासन (thalamus) कहते हैं।

Flower, plant morphology

फल -

समान्यतः फूल का ही रूपान्तरण होकर फल बनता है, फल तीन प्रकार के होते हैं : एकल (simple), पुंज (aggregate) और संग्रथित (multiple or composite)। एकल फल एक ही फूल के अंडाशय से विकसित होकर जनता है और यह कई प्रकार का होता है। 

जैसे (1) शिंब (legume), उदाहरण मटर, (2) फॉलिकल, जैसे चंपा, (3) सिलिकुआ, जैसे सरसों, (4) संपुटी, जैसे मदार या कपास, (5) कैरियाप्सिस, जैसे धान या गेहूँ, (6) एकीन जैसे, क्लीमेटिस, (7) ड्रुप, जैसे आय, (8) बेरी, जैसे टमाटर इत्यादि। 

पुंज फल एक ही फूल से बनता है, लेकिन कई स्त्रीकेसर (pistil) से मिलकर, जैसा कि शरीफा में। संग्रथित फल कई फूलों से बनता है, जैसे सोरोसिस (कटहल) या साइकोनस (अंजीर) में।

Fruit, plant morphology

पादप ऊत्तक - 

पादप ऊत्तक किसी जीव विशेष में मौजूद कोशिकाओं के समूह को कहा जाता है, जिनकी उत्पत्ति, सरंचना एवं कार्य प्रणाली एक समान हो, उन्हें उत्तक या Tissue कहा जाता है| कई बार उत्तको के आकार असमान हो सकते है किन्तु कार्य करने का तरीका हमेशा एक जैसा होगा| उत्तको के अध्ययन करने के उत्तक विज्ञानं या Histology कहा जाता है|

पादप ऊत्तक को मुख्य रूप से दो भागो में विभक्त किया गया है

1- विभाज्योतकी ऊत्तक

2- स्थायी उत्तक

👉Life cycle of volvox, Sexual Reproduction in Volvox,

👉Monera Kingdom  मोनेरा जगत       

👉Protista Kingdom प्रोटिस्टा जगत

👉Canal System of Porifera

👉Classification of Chlorella

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