पठार (Plateau)
पठार धरातल का वह विशिष्ट स्थल रूप है, जो कि अपने आस-पास के स्थल से पर्याप्त ऊँचाई का तथा जिसका शीर्ष भाग चौड़ा और सपाट होता है। सामान्यतः पठार की ऊँचाई 300 से 500 फीट तक होती है।कुछ अधिक ऊँचाई वाले पठार हैं- 'तिब्बत का पठार' (16,000 फीट), 'बेलीविया का पठार' (12,000 फीट) तथा 'कोलम्बिया का पठार' (7,800 फीट)।
पठार निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-
अंतपर्वतीय पठार - पर्वतमालाओं के बीच में बने पठार। ऐसे पठार चारों ओर से घिरे रहते हैं। जैसे- तिब्बत का पठार, बोलीविया, पेरू इत्यादि के पठार।
पर्वतपदीय पठार - पर्वत के तल और मैदान के बीच उठे समतल भाग।
महाद्वीपीय पठार - जब पृथ्वी के भीतर जमा लैकोलिथ भू–पृष्ठ के अपरदन के कारण सतह पर उभर आते हैं, तब ऐसे पठार बनते हैं। ऐसे पठारों का निर्माण पटल विरूपणी बलों द्वारा धरातल के किसी विस्तृत भू-भाग के ऊपर उठ जाने से होता है। जैसे—दक्षिण का पठार, भारत के कैमूर, रांची तथा कर्नाटक के पठार।
तटीय पठार - समुद्र के तटीय भाग में स्थित पठार।
चलन क्रिया के फलस्वरूप निर्मित पठार- जैसे- राजगढ़ गुम्बद (भारत)।
पीडमॉण्ट पठार - उच्च पर्वतों की तलहटी में स्थित पठारों को ‘पीडमॉण्ट’ पठार कहते हैं। जैसे-पीडमॉण्ट (सं. रा. अमेरिका), पेटागोनिया (दक्षिणी अमेरिका) आदि।
विश्व के प्राचीन पठारों का वितरण
- लौरेंशिया ( उत्तर-पूर्व कनाडा और ग्रीनलैंड)
- बाल्टिक (फैनोस्कैंडिया)
- साइबेरिया ( उत्तर-मध्य भाग)
- चीन (पूर्वी मंचूरिया से वियतनाम तक)
- दक्षिण भारत ( प्रायद्वीपीय पठार)
- अरब
- संपूर्ण अफ्रीका
- ब्राजील
- पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया
क्रम सं• – पठार – स्थिति –
1. तिब्बत
का पठार मध्य एशिया
2. मंगोलिया
का पठार उत्तर मध्य चीन तथा मंगोलिया
3. प्रायद्वीपीय
भारत का पठार दक्षिण भारत
4. ईरान का
पठार ईरान
5. अरब का
पठार दक्षिण-पश्चिम एशिया
6. तुर्की
या अनातोलिया का पठार तुर्की
7. यूनान या
अनातोलिया का पठार म्यांमार, चीन और वियतनाम
8. ऑस्ट्रेलिया
का पठार आस्ट्रेलिया
9. मेडागास्कर/मलागासी
का पठार मेडागास्कर द्वीप
10. दक्षिण
अफ्रीका का पठार दक्षिण
अफ्रीका
11. अबीसीनिया
या इथोपिया का पठार इथोपिया, सोमालिया
12. मेसेट्टा
का पठार स्पेन
13. ब्राजील
का पठार ब्राजील
14. बोलीबिया
का पठार बोलीबिया
15. मेक्सिको
का पठार मैक्सिको
16. अलास्का
का पठार अलास्का,
अमेरिका
17. कोलंबिया
का पठार अमेरिका
18. कोलोरेडो
का पठार अमेरिका
19. ग्रेट
बेसिन का पठार अमेरिका
20. ग्रीनलैंड
का पठार ग्रीनलैंड
आकृति भिन्नता के
अनुसार पठार
(i) गुंबदाकार
पठार :- छोटा नागपुर का पठार
(ii) विच्छेदित
पठार :- प्रायद्वीपीय भारत का पत्थर
(iii) सीढ़ीनुमा
पठार :- विंध्य एवं कैमूर का पठार
(iv) सपाट
पठार :- तिब्बत का पठार
(v) पुनर्युवित पठार :- रांची का पठार
जलवायु के आधार पर
पठार
जलवायु के आधार पर
पठार तीन प्रकार के हैं।
(1) शुष्क
पठार:- पोतवार पठार
(2) आर्द्र
पठार:- असम का पठार
(3) हिम
पठार:- ग्रीनलैंड का पठार, अंटार्कटिका का पठार
अपरदन चक्र के आधार पर पठार
(1) तरुण
पठार:- अमेरिका का इहादो का पठार, कोलोरेडो का पठार
(2) प्रौढ़
पठार:- आप्लेशियन का पठार
(3) जीर्ण
पठार:- रांची का पठार
तिब्बत विश्व का सबसे ऊँचा पठार है, जो समुद्र तल से औसतन 16 हजार फीट ऊँचा है ।
तिब्बत का पठार क्षेत्र की दृष्टि से भी विश्व का सबसे बड़ा पठार है । इसका क्षेत्रफल 7.8 लाख वर्गमील तक है ।
जम्मू-कश्मीर में हिम नदियों के जमाव से छोटे-छोटे पठार बनते हैं । इन पठारों को मर्ग कहा जाता है । सोजमर्ग और गुलमर्ग ऐसे ही पठार हैं ।
गढ़वाल का पठार भी हिम नदी के निक्षेप से बना है ।
विश्व के सबसे ऊँचे पठार अन्तरपर्वतीय पठार हैं ।
पर्वतों की तलहटी पर स्थित पठार खड़ी पदीय पठार कहलाते हैं । इन पठारों के एक ओर ऊँचे पर्वत तो दूसरी ओर मैदान या समतल होते हैं । भारत का शिलाँग का पठार ऐसा ही पठार है।
गुम्बदाकार पठारों की रचना ज्वालामुखी प्रक्रिया से होती है । छोटा नागपुर के पठार की रचना ऐसे ही हुई है ।
समुद्र के तटों के साथ-साथ फैले पठार तटीय पठार कहलाते हैं । भारत का कोरोमण्डल तट तटीय पठार का अच्छा उदाहरण है ।
तिब्बत का पठार सपाट पठार है ।संयुक्त राज्य अमेरिका का कोलेरेडो पठार मरुस्थलीय पठार का उदाहरण है । इसे युवा पठार भी कहा जाता है ।
भारत में राँची का पठार जीर्ण या वृद्ध पठार कहलाता है ।
जीर्ण या वृद्ध पठार की पहचान उस पर उपस्थित पत्थर ‘मेसा’ से होती है । वस्तुतः जब नष्ट हो रहे पठारों पर कहीं-कहीं कठोर चट्टान के टुकड़े टीले के रूप में बचे रह जाते है, तो उन्हें मेसा या बूटा कहा जाता है ।
जब वृद्ध पठार अकस्मात युवा अवस्था में आ जाते हैं, तो उन्हें ‘पुनर्युवनीत पठार’ कहा जाता है । राँची का ‘‘पार प्रदेश’’ ऐसा ही पठार है ।