ज्वार भाटा किसे कहते हैं

ज्वार-भाटा

ज्वार-भाटा वे तरंग हैं वे सागरीय तरंगे हैं, जो पृथ्वी, चाँद और सूर्य के आपस के आकर्षण से उत्पन्न होते हैं।  जब समुद्री जल ऊपर आती है तो उसे “ज्वार” और जब नीचे आती है तो “भाटा” कहते हैं। चंद्रमा के आकर्षण शक्ति का पृथ्वी के सागरीय जल पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है।

चंद्रमा सूर्य से 2.6 लाख गुना छोटा है लेकिन सूर्य की तुलना में 380 गुना पृथ्वी के अधिक समीप है। फलतः चंद्रमा की ज्वार उत्पादन की क्षमता सूर्य की तुलना में 2.17 गुना अधिक है।

पृथ्वी का जो सतह (surface) है। वह अपने केंद्र की तुलना में चंद्रमा से लगभग 6400 km. निकट है। अतः पृथ्वी के उस भाग में जो चाँद के सामने होता है, आकर्षण अधिकतम होता है और ठीक उसके दूसरी ओर न्यूनतम  इस आकर्षण के प्रभाव के कारण चंद्रमा के सामने स्थित जलमंडल का जल ऊपर उठ जाता है, जिसके फलस्वरूप वहाँ ज्वार आता है।

ज्वार भाटा किसे कहते हैं

दो ज्वार वाले स्थानों के बीच का जल ज्वार की ओर खिंच जाने के कारण बीच में समुद्र का तल सामान्य से नीचे चले जाता है, जिससे वहाँ भाटा उत्पन्न होता है।

एक दिन में प्रत्येक स्थान पर सामान्यतः दो बार ज्वार एवं दो बार भाटा पृथ्वी की घूर्णन के कारण आता है।

ज्वार-भाटा के प्रकार

दीर्घ अथवा उच्च ज्वार (SPRING TIDE)- अमावस्या और पूर्णिमा के दिन सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों में एक सीध में होते होते हैं। इन तिथियों में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के संयुक्त प्रभाव के कारण ज्वार की ऊँचाई सामान्य ज्वार से 20% अधिक होती है। इसे वृहद् ज्वार या उच्च ज्वार कहते हैं।

Spring tide

लघु या निम्न ज्वार (NEAP TIDE)- शुक्ल या कृष्ण पक्ष की सप्तमी या अष्टमी को सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी के केंद्र पर समकोण बनाते हैं. इस कारण सूर्य और चंद्रमा दोनों ही पृथ्वी के जल को भिन्न दिशाओं में आकर्षित करते हैं. फलतः इस समय उत्पन्न ज्वार औसत से 20% कम ऊँचे होते हैं. इसे लघु या निम्न ज्वार कहते हैं.

Neap Tide

  • दैनिक ज्वार (DIURNAL TIDE)- स्थान पर दिन में केवल एक बार ज्वार-भाटा आता है, तो उसे दैनिक ज्वार-भाटा कहते हैं।  दैनिक ज्वार 24 घंटे 52 मिनट के बाद आते हैं। मैक्सिको की खाड़ी और फिलीपाइन द्वीप समूह में दैनिक ज्वार आते हैं।
  • अर्द्ध-दैनिक ज्वार (SEMI-DIURNAL)- जब किसी स्थान पर दिन में दो बार (12 घंटे 26 मिनट में) ज्वार-भाटा आता है, तो इसे अर्द्ध-दैनिक ज्वार कहते हैं। ताहिती द्वीप और ब्रिटिश द्वीप समूह में अर्द्ध-दैनिक ज्वार आते हैं।
  • मिश्रित ज्वार (MIXED TIDE)- जब समुद्र में दैनिक और अर्द्ध दैनिक दोनों प्रकार के ज्वार-भाटा का अनुभव लेता है, तो उसे मिश्रित ज्वार-भाटा कहते हैं।
  • अयनवृत्तीय और विषुवत रेखीय ज्वार- चंद्रमा के झुकाव के कारण जब इसकी किरणें कर्क या मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं, जो उस समय आने-वाले ज्वार को अयनवृत्तीय कहते हैं। इस अवस्था में ज्वार और भाटे की ऊँचाई में असमानता होती है।  जब चाँद की किरणें विषुवत रेखा पर लम्बवत पड़ती है तो उस समय जवार-भाटे की स्थिति में असमानता आ जाती है। ऐसी अवस्था में आने वाले ज्वार को विषुवत रेखीय ज्वार कहते हैं।

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