पर्वत या पहाड़
पर्वत या पहाड़ पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से ऊंचा उठा हुआ हिस्सा होता है. ये ज्यादातर आकस्मिक तरीके से उभरा होता है. पर्वत ज्यादातर एक लगातार समूह में होते हैं. उत्पत्ति के अनुसार पर्वत चार प्रकार के होते हैं:
ब्लॉक पर्वत (Block mountain)- जब चट्टानों में स्थित भ्रंश के कारण मध्य भाग नीचे धंस जाता है और अगल-बगल के भाग ऊंचे उठे लगते हैं, तो वो ब्लॉक पर्वत कहलाते हैं. बीच में धंसे भाग को रिफ्ट घाटी कहते हैं. इन पर्वतों के शीर्ष समतल और किनारे तीव्र भ्रंश-कगारों से सीमित होते हैं. इस तरह ते पर्वत के उदाहरण हैं- वॉस्जेस (फ्रांस), ब्लैक फॉरेस्ट (जर्मनी), साल्ट रेंज (पाकिस्तान)
अवशिष्ट पर्वत (Residual mountain)- ये पर्वत चट्टानों के अपरदन के फलस्वरुप निर्मित होते हैं. जैसे- विन्ध्याचल और सतपुड़ा, नीलगिरी, पारसनाथ, राजमहल की पहाड़ियां (भारत), सीयरा (स्पेन), गैसा और बूटे (अमेरिका)
संचित पर्वत (Accumulated mountain)- भूपटल पर मिट्टी, बालू, कंकड़, पत्थर लावा के एक स्थान पर जमा होते रहने के कारण बनने वाला पर्वत संचित पर्वत कहलाता है. रेगिस्तान में बनने वाले बालू के स्तूप इसी श्रेणी में आते हैं.
वलित पर्वत (Fold mountain)- ये पृथ्वी की आन्तरिक शक्तियों से धरातल की चट्टानों के मुड़ जाने से बनते हैं. ये लहरदार पर्वत होते हैं, जिनपर असंख्य अपनतियां और अभिनतियां होती हैं. जैसे- हिमालय, आल्पस यूराल, रॉकीज और एण्डीज.
वलित पर्वतों के निर्माण का आधुनिक सिंद्धात प्लेट टेक्टॉनिक (Plate Tectonics) की संकल्पना पर आधारित है.
जहां आज हिमालय पर्वत खड़ा है वहां किसी समय में टेथिस सागर नामक विशाल भू-अभिनति थी. दक्षिण पठार के उत्तर की ओर विस्थापन के कारण टेथिस सागर में बल पड़ गए और वह ऊपर उठ गया. इसी से संसार का सबसे ऊंचा पर्वत हिमालय का निर्माण हुआ.
भारत का अरावली पर्वत विश्व के सबसे पुराने वलित पर्वतों में गिना जाता है. इसकी सबसे ऊंची चोटी माउण्ट आबू के पास गुरुशिखर है. इसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1722 मीटर है. कुछ विद्वान अरावली पर्वतों को अवशिष्ट पर्वत का उदाहरण मानते हैं.