अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को प्रथम बार माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के आवाहन पर पूरे भारत ही नहीं पूरे विस्व मे मनाया गया।
योग पर चर्चा हमारे प्रधानमंत्री जी ने सर्व प्रथम संयुक्त राष्ट्र सभा में 27 सितंबर 2014 को की थी
और कहा योग प्राचीन भारत की एक परंपरा का अमूल्य उपहार है
जिसके बाद 11 दिसंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव को मजूरी मिली, जिसमे 177 सदस्यों ने स्वीकृति दी।
योग से लाभ
योग संक्षेप मे कहा जाये तो जीवन के उन्नति का मार्ग है जिससे शरीर और मन का सम्पूर्ण विकास होता है।
योग से हमारे शरीर के बहुत से मानसिक और शारीरिक रोगों को दूर किया जा सकता है।
योग शरीर की मासपेशियों ओर कंकाल को स्वस्थ रखने मे सहायक है।
योग तनाव, चिंता, थकान और अवसाद को दूर करता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
आज कल योग का चलन बढ़ गया है और लोग बिना किसी योग चिकित्सक के परामर्श के ही शुरू कर देते हैं
टीवी चैनल देख कर या किताब मे पढ़ कर योग करना प्रारम्भ नही करना चाहिए। इसके लिए उचित और बेहतर मार्गदर्शन की जरूरत होती है। अन्यथा की स्थिति मे बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे -
कपाल भाती और अनुलोम - विलोम सीधा हृदय और फेफड़ो पर प्रभाव डालते हैं
महिलाओं के लिए कपालभाती बहुत ज्यादा खतरनाक है जिसे सिर्फ बंध लगा कर ही किया जाना चाहिए अन्यथा गर्भाशय अपनी जगह से हट सकता है।
योग एक बेहतर चिकित्सा प्रड़ाली है परंतु इसे शिक्षक - प्रशिक्षक की देख रेख में ही करें।
योग अभ्यास के पश्चात 30 मिनट तक स्नान नहीं करना चाहिए।और भोजन भी 30 मिनट बाद ही ग्रहण करना चाहिए।
हल्के वस्त्र और चटाई या घास युक्त स्थान पर ही योग करना चाहिए, आसपास का वातावरण शांत और प्रदूषण रहित होना चाहिए।
नित्य कर्म के पश्चात हल्का या अल्प मात्र मे भोजन करने के 20 मिनट बाद ही योग शुरू करे और इसे नियमित करना चाहिए तभी लाभ होता है।